कानपुर: छह माह की पलक अब 74 साल की आंखों से देखेगी दुनिया, डॉक्टरों ने किया सफल ऑपरेशन
कानपुर की छह माह की पलक अब 74 साल की आंखों से दुनिया देखेगी. जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने शुक्रवार को बच्ची के कार्निया…
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कानपुर की छह माह की पलक अब 74 साल की आंखों से दुनिया देखेगी. जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने शुक्रवार को बच्ची के कार्निया सफल ट्रांसप्लांट किया है. डॉक्टरों का दावा है कि पहली बार यूपी का कोई मेडिकल कॉलेज इतनी छोटी बच्ची की आंख बचाने में कामयाब हुआ है. बता दें कि मासूम की आंख में बुजुर्ग का कॉर्निया ट्रांसप्लांट किया गया है.
डॉक्टर शालिनी मोहन ने बच्ची की आंख की जांच की तो पता चला कि कॉर्निया बुरी तरह से इंफेक्टेड हो गया है. जब माता-पिता ने किसी तरह से बच्ची की आंख बचाने की गुहार लगाई तो डॉ. शालिनी मोहन की टीम ने तैयारी कर ली.
जानकारी के मुताबिक जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में दो दिन पहले 74 वर्षीय व्यक्ति का कॉर्निया नेत्रदान में आया था. जिसे 45 मिनट की सर्जरी के बाद इसे बच्ची में प्रत्यारोपित किया गया. इस ट्रांसप्लांट में डॉ. शालिनी की टीम में डॉ. सूरज, डॉ. स्तुति और डॉ. शेफाली ने सहायता की. वही जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के नेत्र विभाग के प्रमुख डॉ. परवेज खान ने कहा कि नेत्रदान ऐसे कई लोगों को रोशनी दे सकता है.
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जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य प्रो. संजय कला ने कहा कि डॉ. शालिनी और उनकी टीम ने इतनी छोटी बच्ची की आंखों को बचाकर इतिहास रच दिया है. यूपी में अब तक 6 महीने की बच्ची का कहीं भी नेत्र प्रत्यारोपण नहीं हुआ है. यह एक बहुत बड़ी सफलता है. डॉ. शालिनी मोहन ने कहा कि डॉक्टर की राय के बिना आंख में कोई बूंद न डालें, जरूरी नहीं कि हर बूंद सभी के लिए उपयुक्त हो. मनमाने इलाज से आंखों की रोशनी भी जा सकती है.
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