1.16 करोड़ पेनाल्टी भरने के बाद भी नहीं मिला पीयूष जैन को 23 KG सोना, आखिर ये किसके पास गया?
कानपुर की स्पेशल सीजेएम कोर्ट ने कस्टम के मामले में मंगलवार को पीयूष जैन को दोषमुक्त करार दिया. डीजीजीआई की टीम ने पीयूष जैन के घर से छापेमारी के दौरान 23 किलो सोना बरामद किया था.
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Piyush Jain News: कानपुर की स्पेशल सीजेएम कोर्ट ने कस्टम के मामले में मंगलवार को पीयूष जैन को दोषमुक्त करार दिया. डीजीजीआई की टीम ने पीयूष जैन के घर से छापेमारी के दौरान 23 किलो सोना बरामद किया था. बता दें कि पीयूष जैन की तरफ से ही सोने को जब्त कर उसपर पेनाल्टी लगाने की बात कही गई थी, जिसके बाद मामला अदालत में विचाराधीन था. पीयूष जैन द्वारा कोर्ट की सभी शर्तें मानी गईं, जिसके बाद ही कोर्ट ने उन्हें कस्टम के मामले में बरी कर दिया. शर्तों के आधार पर पीयूष जैन ने खुद 5600000 रुपये की कंपाउंडिंग भरी है, साथ में जब्त हुए 23 किलो सोने पर भी अपना अधिकार छोड़ दिया है. पीयूष जैन 6000000 रुपये पेनल्टी पहले ही जमा कर चुके हैं.
बता दें कि कुल मिलाकर 23 किलो सोना जिसकी कीमत आज के समय में करीब 17 से 18 करोड़ रुपये है, उसे पीयूष जैन ने सरकार को पहले सौंप ही दिया है. इसके साथ ही कुल एक करोड़ सोलह लाख रुपये भी पेनल्टी और कम्पाउंडिंग के रूप में जमा किए हैं. इसके अलावा, पीयूष जैन द्वारे भी आश्वासन दिया गया कि वह इस फैसले के खिलाफ कोर्ट में अपील नहीं करेंगे. जैन द्वारा सभी शर्तों को मानने के बाद पटना कमिश्नर ने कंपाउंडिंग का आदेश कर कोर्ट को सूचित किया था, जिसके बाद कोर्ट ने पीयूष को कस्टम के केस में रिहा कर दिया.
वहीं, जीएसटी चोरी मामले में मुकदमा अभी भी चल रहा है. उसमे फिलहाल जैन को कोई राहत नहीं मिली है. कोर्ट नें इस मामले में अगली तारीख 15 मार्च तय की है.
पीयूष जैन के वकील ने बताया कि 'पीयूष का 23 किलो सोना कस्टम विभाग ने जब्त कर लिया था. पीयूष पर पेनाल्टी भी लगाई थी. पेनाल्टी जमा करने के बाद पीयूष ने लखनऊ में कस्टम कमिश्नर के यहां अपील दाखिल कर सोना रिलीज करने की मांग की थी. इसी बीच पीयूष ने मुख्य आयुक्त सीमा शुल्क (निवारक) प्रक्षेत्र पटना में अर्जी दी. पीयूष के खिलाफ जीएसटी चोरी और सोना तस्करी मामले में दो अलग-अलग मुकदमे दर्ज किए गए थे.'
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उन्होंने आगे बताया, 'सोना तस्करी मामले में कस्टम एक्ट के तहत स्पेशल सीजेएम कोर्ट में सुनवाई चल रही थी. पीयूष ने जब्त सोने पर अपनी दावेदारी छोड़ने के साथ ही कस्टम विभाग द्वारा लगाया गया शमन शुल्क भी जमा कर दिया था. इसके बाद उसे कस्टम एक्ट के मुकदमे में राहत मिल गई. हालांकि जीएसटी चोरी मामले में मुकदमा अभी चलता रहेगा.
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