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पिता की नहीं थी इनकम, चाचा ने उठाया खर्च... जिस धीरज सैनी की IIT कानपुर में लटकी मिली बॉडी उसकी कहानी रुला देगी

रंजय सिंह

IIT कानपुर में फाइनल ईयर के छात्र धीरज सैनी ने की आत्महत्या. 3 दिन से लटकी थी बॉडी. परिवार ने नहीं की शिकायत. IIT प्रशासन पर उठे रहे ये सवाल.

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IIT Kanpur Student Dheeraj SainiIIT Kanpur Student Dheeraj Saini
IIT Kanpur Student Dheeraj Saini
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Kanpur News: कानपुर आईआईटी में फाइनल ईयर के छात्र धीरज सैनी के आत्महत्या कर लेने से पूरे संस्थान और उसके परिवार में मातम पसरा है. गुरुवार को छात्र का पोस्टमॉर्टम होने के बाद, उसके पिता सतीश अपने भाई संदीप सैनी के साथ धीरज का शव लेकर हरियाणा स्थित अपने घर के लिए रवाना हो गए थे. बेटे की आकस्मिक मौत से पिता सतीश इतने टूट चुके थे कि वह कुछ बोल भी नहीं पा रहे थे. धीरज की मौत ने एक ऐसे परिवार के सपनों को तोड़ दिया है जिसने सीमित संसाधनों के बावजूद अपने बेटे को देश के प्रतिष्ठित संस्थान तक पहुंचाया था.

चाचा ने उठाया था धारज का खर्च

खुद ठेला लगाकर अपना जीवन यापन करने वाले धीरज के चाचा संदीप सैनी ने परिवार के संघर्षों के बारे में बताया है. धीरज के दो भाई और एक बहन थी. उसके पिता सतीश हलवाई गिरी का काम करते हैं और परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं थी. इसी कारण धीरज की पढ़ाई का पूरा खर्च उसके चाचा संदीप ही उठाते थे.

संदीप सैनी ने भावुक होकर बताया कि धीरज ने बहुत संघर्ष से पढ़ाई की थी. यहां तक कि शुरुआती दिनों में एक स्कूल में फीस जमा न होने के कारण उसका सर्टिफिकेट रोक लिया गया था. संदीप ने इधर-उधर से कर्जा लेकर फीस जमा की, तब जाकर धीरज का सर्टिफिकेट मिल पाया.

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IIT में चयन से जग गई थी उम्मीद

धीरज का आईआईटी कानपुर में चयन होने पर पूरे परिवार में आशाओं का सूरज उग आया था, क्योंकि परिवार में इससे पहले कोई भी इतनी ऊंचाई तक पढ़ाई करने नहीं पहुंच पाया था. चाचा ने बताया, "हम लोगों ने सोचा था कि धीरज पढ़ लिख जाएगा तो पूरे परिवार का कायाकल्प हो जाएगा."

धीरज अपनी पारिवारिक स्थिति को अच्छी तरह समझता था. वह कभी कोई फरमाइश नहीं करता था, क्योंकि जानता था कि परिवार के पास पैसा नहीं है. चाचा संदीप ने बताया कि धीरज हमेशा कहता था कि वह बहुत जल्दी अच्छी जॉब करेगा और सबके लिए भविष्य की पूरी योजना बनाएगा.

IIT प्रशासन पर उठे ये सवाल

धीरज का शव बुधवार सुबह उसके कमरे में लटका हुआ पाया गया था. यह एक चौंकाने वाली जानकारी सामने आई कि छात्र की बॉडी तीन दिन से लटकी हुई थी और संस्थान को इसकी भनक तक नहीं थी. हालांकि सुसाइड के बाद कमरे से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला. संस्थान ने लगभग 30 घंटे बाद मीडिया सेल में एक प्रेस विज्ञप्ति जारी करके दुख जताया. आईआईटी प्रशासन ने इस बात का कोई जवाब नहीं दिया कि छात्र ने आत्महत्या क्यों की.

कल्याणपुर क्षेत्र के एसीपी रजनीश कुमार ने बताया कि बॉडी का पोस्टमॉर्टम करा कर परिवार वालों को सौंप दिया गया था, जो गुरुवार को शव लेकर हरियाणा चले गए. परिवार की ओर से कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई गई है. मामले की जांच की जा रही है.

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