कानपुर में हीटवेव से चमगादड़ों की हो रही दर्दनाक मौत, मंडरा रहा महामारी का खतरा!

सिमर चावला

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Kanpur News: उत्तर प्रदेश में पड़ रही भीषण गर्मी से ना केवल आम इंसान बल्कि पशु पक्षियों की भी जान जा रही है.  ताजा मामला कानपुर से आया है. यहां अधिकतम तापमान 45 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच रहा है. ऐसे में शहर के नाना राव पार्क में बीते कई दिनों से चमगादड़ पेड़ से जमीन में गिरने के बाद तड़प रहे हैं और मर जा रहे हैं. कानपुर चिड़ियाघर के पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. अनुराग सिंह ने चमगादड़ों की मौत का कारण प्रदेश में पड़ रही भीषण गर्मी को बताया है.

पूरा उत्तर भारत इस वक्त भीषण गर्मी से जूझ रहा है. आए दिन लोग चक्कर खाकर सड़क पर गिर रहे हैं. वहीं हीट वेव से लोगों की जान भी जा रही है. वहीं बात करें कानपुर शहर की तो बीते 5 दिनों से अधिकतम तापमान 45 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच रहा है. रोजाना शहर के अलग-अलग हिस्सों में अज्ञात शव गर्मी के कारण मिल रहे हैं. लेकिन गर्मी का असर अब जीव जंतु पर भी दिखाई देने लगा है. भीषण गर्मी के कारण अब सैकड़ों की संख्या चमगादड़ों की मौत भी होने लगी है.

मिली जानकारी के मुताबिक, शहर के नाना राव पार्क में कई पुराने पेड़ हैं. यहां हजारों की तादाद में चमगादड़ रहते हैं. लेकिन बीते कई दिनों से देखा जा रहा है कि चमगादड़ पेड़ से जमीन में गिरने के बाद तड़प रहे हैं और मर जा रहे हैं. हालत ऐसे हो गए हैं कि पूरा पार्क दुर्गंध से भर गया है, और महामारी फैलने का खतरा मंडरा रहा है. इसके बावजूद पार्क में आने-जाने को लेकर कोई रोक-टोक नहीं है. मंगलवार की सुबह भी कुछ ऐसा ही देखा गया जहां अलग-अलग पेड़ों के नीचे जगह-जगह चमगादड़ मृत पड़े हुए थे. कई जगह पेड़ों में चमगादड़ एक साथ चिपके हुए थे और गर्मी के कारण चिल्ला रहे थे.

जीव जंतुओं की गर्मी के कारण हो रही मौत को लेकर कानपुर चिड़ियाघर के पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. अनुराग सिंह ने बातचीत करते हुए बताया कि 'जिस तरह से चमगादड़ मर रहे हैं उसकी एक वजह यह है कि चमगादड़ तापमान से 2 डिग्री सेल्सियस अधिक गर्मी फील करते हैं. ऐसे में अगर कानपुर का तापमान 44 से 45 डिग्री पहुंच रहा है तो चमगादड़ उसे 47 से 48 डिग्री सेल्सियस तक महसूस कर रहे हैं. चमगादड़ की मौत का कारण यह भी है कि उन्हें भी पानी नहीं मिल पा रहा है. हीट वेव और लू लगने के कारण भी गर्मी को सहन करने की क्षमता खत्म हो रही है.' 

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उन्होंने आगे बताया कि हीट वेव के कारण 'ब्रेन में मौजूद हाइपोथैलेमस की क्षमता खत्म हो जाती है. ऐसे में ब्रेन काम करना बंद कर देता है. इसी कारण भी चमगादड़ मर रहे हैं. यदि पार्क में ऐसे पेड़ों के नीचे तरी की जाए पानी से भरा रखा जाए तो जीव जंतुओं और चमगादड़ों को बचाया जा सकता है.'

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