पिता संग बेचा दूध, पशुओं को खिलाया चारा फिर UPSC को किया क्रैक, कहानी UP के आलोक भाटी की

भूपेंद्र चौधरी

सोमवार को यूपीएससी (संघ लोक सेवा आयोग) ने भारतीय प्रशासनिक सेवा परीक्षा-2021 के रिजल्ट घोषित किए. इसमें टॉप 3 में लड़कियों ने बाजी मारकर नारी…

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सोमवार को यूपीएससी (संघ लोक सेवा आयोग) ने भारतीय प्रशासनिक सेवा परीक्षा-2021 के रिजल्ट घोषित किए. इसमें टॉप 3 में लड़कियों ने बाजी मारकर नारी शक्ति का एहसास कराया. वहीं, ग्रेटर नोएडा के चिटहैरा गांव के रहने वाले आलोक भाटी ने ऑल इंडिया 413वीं रैंक हासिल की, जिसको लेकर उनके घर-परिवार और गांव में खुशी की लहर है. इस मौके पर सभी ने आलोक को मिठाई खिलाकर बधाई दी.

कौन हैं अलोक भाटी?

आपको बता दें कि आलोक भाटी गौतमबुद्ध नगर में दादरी तहसील के गांव चिटहैरा गांव के निवासी हैं. उनके पिता अजीत भाटी किसान हैं. आलोक और उनके पिता परिवार को संभालने के लिए दूध बेचने का काम करते हैं. गांव वालों ने बताया कि आलोक की दिनचर्या बेहद सामान्य है. वह सुबह उठकर गाय-भैंसों को चारा खिलाते थे. उसके बाद वह दूध निकालते और बेचने चले जाते थे और वापस आकर पढ़ाई लिखाई करते थे. लोगों ने बताया कि आलोक भाटी शुरू से एक प्रभावशाली छात्र रहे. हालांकि, उनकी पूरी पढ़ाई गांव के प्राइमरी स्कूल और दादरी के इंटर कॉलेज में हिंदी माध्यम से हुई.

आलोक भाटी ने बताया कि उन्होंने पहले नैशनल डिफेंस एकेडमी की प्रतिष्ठित परीक्षा पास की थी. मगर मेडिकल के दौरान उनके दांतो में कुछ समस्या का पता चला, जिसकी वजह से उनका सलेक्शन नहीं हुआ. इसके बावजूद आलोक ने हिम्मत नहीं हारी, बल्कि और ज्यादा जज्बे के साथ तैयारी शुरू की. करीब 2 साल पहले आलोक ने केंद्रीय पैरामिलिट्री फोर्स के लिए आयोजित होने वाली संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा पास की. उनका चयन इंडो-तिब्बत सीमा पुलिस बल में बतौर असिस्टेंट कमांडेंट हो गया. वह फिलहाल आईटीबीपी में प्रशिक्षणरत हैं.

इसी दौरान आलोक ने भारतीय प्रशासनिक सेवा के लिए परीक्षा देने का मन बनाया. वर्ष 2021 की प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा पास करने के बाद बीते अप्रैल महीने में उन्होंने इंटरव्यू दिया था और सोमवार को उन्हें सफल घोषित किया गया. आलोक को ऑल इंडिया रैंक 413वीं मिली है.

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आलोक के परिजनों का कहना है कि वह शुरू से पढ़ाई में रुचि रखता थे. बता दें कि आलोक की छोटी बहन मेरठ यूनिवर्सिटी में फिजिक्स से पीएचडी कर रही हैं, जबकि एक बड़ा भाई कपड़े का व्यापारी है. पिता अजीत सिंह एक सामान्य किसान हैं, जबकि मां सुनीता ग्रहणी हैं.

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