'रामनवमी' पर रामलला का होगा सूर्याभिषेक, दर्शन करने के लिए अयोध्या में ऐसी है व्यवस्था, जानें
रामजन्मभूमि पर भव्य मंदिर बनने के बाद पहली बार रामनवमी का पर्व 17 अप्रैल को मनाया जाएगा. इसके लिए रामलला के मंदिर में कई अतिरिक्त व्यवस्थाएं की गयी हैं.
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Uttar Pradesh News : रामजन्मभूमि पर भव्य मंदिर बनने के बाद पहली बार रामनवमी का पर्व 17 अप्रैल को मनाया जाएगा. इसके लिए रामलला के मंदिर में कई अतिरिक्त व्यवस्थाएं की गयी हैं. इसके साथ ही रामलला के ललाट पर सूर्य तिलक भी किया जाएगा. मंदिर में श्रीराम ट्रस्ट ने भक्तों की संख्या को देखते हुए 7 पंक्तियों में दर्शन कराने का फैसला किया है. मंदिर को तीन दिन (16, 17, 18 अप्रैल) तक 20 घंटे खोलने का फैसला किया गया है. रामनवमी पर 40 लाख श्रद्धालुओं के अयोध्या पहुंचने का अनुमान है.
रामलला का होगा सूर्यतिलक
वहीं राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने जानकारी देते हुए बताया कि, 'हमने रामनवमी पर यहां आने वाले सभी भक्तों के लिए भगवान राम के 'दर्शन' की सुविधा सुनिश्चित की है. हम अभ्यास कर रहे हैं कि सूर्य की किरणें दोपहर 12.16 बजे 5 मिनट के लिए भगवान के माथे पर पड़े. हम इसके लिए महत्वपूर्ण तकनीकी व्यवस्था कर रहे हैं . ट्रस्ट और वैज्ञानिक इसे सफल बनाने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं. निर्माण कार्य चल रहा है और हमें विश्वास है कि निर्माण दिसंबर 2024 तक पूरा हो जाएगा.'
रामनवमी को ऐसी होगी व्यवस्था
बता दें कि अयोध्या में 17 अप्रैल को रामनवमी के लिए प्रशासन ने तैयारी तेज कर दी है. प्रशासन ने रामनवमी उत्सव को देखते हुए अभी से कंट्रोल रूम को एक्टिव कर दिया गया है. अब 24 घंटे कंट्रोल रूम काम करेगा. इसमें अलग-अलग विभागों के अधिकारी और कर्मचारियों को जिम्मेदारी दी गयी है. अस्पतालों को भी अलर्ट कर दिया गया है. पुलिस के अलावा अलग-अलग विभागों के अधिकारी-कर्मचारी भी तीन शिफ्ट में ड्यूटी करेंगे. अलग-अलग विभागों के कोऑर्डिनेशन से कंट्रोल रूम में व्यवस्था की गयी है. वहीं मंदिर के बाहर अयोध्या में रामनवमी पर आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए क्राउड मैनेजमेंट किया जाएगा.अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वो अपने-अपने जोन और सेक्टर क्षेत्र का भ्रमण करके उच्चाधिकारियों को वस्तुस्थिति से अवगत कराएं.
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