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यूपी में मनरेगा में 48 लाख से अधिक परिवार को मिला रोजगार, इसमें SC-ST ग्रुप का आंकड़ा कर देगा हैरान

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में मनरेगा योजना ने वित्तीय वर्ष 2025-26 में 48 लाख से अधिक परिवारों को रोजगार प्रदान किया. 31% लाभार्थी एससी-एसटी हैं. योजना पर 6703 करोड़ रुपये खर्च किए गए, समय पर मजदूरी का भुगतान सुनिश्चित किया गया और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिली.

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में रोजगार सृजन और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के मामले में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) ने नया रिकॉर्ड बनाया है. प्रदेश सरकार की ओर से जारी जानकारी के मुताबिक वित्तीय वर्ष 2025-26 में अब तक 48 लाख से अधिक परिवारों को मनरेगा के तहत रोजगार उपलब्ध कराया गया है.  इस सफलता में सबसे चौंकाने वाला आंकड़ा सामाजिक समावेशन से संबंधित है. रोजगार पाने वाले परिवारों में 31 प्रतिशत से अधिक परिवार अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) वर्ग से हैं. यह आंकड़ा योगी सरकार की इस सोच को दर्शाता है कि रोजगार के अवसर बिना किसी भेदभाव के समाज के सबसे कमजोर तबकों तक पहुंचे, जिससे उन्हें सम्मान और आत्मनिर्भरता मिल सके. 

6703 करोड़ रुपये से गांवों में बने आय के नए स्रोत

मनरेगा के प्रभावी क्रियान्वयन से न केवल रोजगार मिला है बल्कि गांवों में आय के नए स्रोत भी तैयार हुए हैं. योगी सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 में इस योजना पर 6703 करोड़ रुपए की धनराशि खर्च की है. इस भारी भरकम राशि का उपयोग गांवों में परिसंपत्तियां बनाने और विकास कार्यों को गति देने में किया गया. इससे दीर्घकालिक रूप से रोजगार सृजन का बेहतर माहौल तैयार हो रहा है.  

मनरेगा श्रमिकों के लिए सबसे बड़ी राहत समय पर भुगतान को लेकर मिली है. वित्तीय वर्ष 2025-26 में 97 प्रतिशत से अधिक श्रमिकों को उनकी मजदूरी का भुगतान समय पर किया जा चुका है. पारदर्शिता और समयबद्धता के इस मॉडल ने ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों में सरकार के प्रति भरोसा बढ़ाया है और उन्हें उनकी मेहनत का पूरा लाभ मिल रहा है. 

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अनुसूचित जाति-जनजाति को प्राथमिकता, पलायन पर रोक

योगी सरकार ने मनरेगा के जरिए विशेष रूप से अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के परिवारों को प्राथमिकता दी है. सरकार की स्पष्ट नीति रही है कि लोगों को रोजगार के साथ-साथ सम्मान भी मिले. इस नीति ने जमीनी स्तर पर सकारात्मक परिणाम दिखाए हैं. इन परिवारों को प्राथमिकता मिलने से न केवल उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत हुई है, बल्कि उन्हें एक स्थिर आय का स्रोत मिला है.  ग्रामीण क्षेत्रों में ही बड़े पैमाने पर रोजगार की उपलब्धता होने से मजबूरी में होने वाले पलायन पर भी प्रभावी रोक लगी है. परिवार अब बेहतर आय के साथ अपने पैतृक स्थानों पर ही रहने में सक्षम हो रहे हैं.

समावेशी विकास और ग्रामीण अर्थव्यवस्था का नया मॉडल

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में मनरेगा योजना उत्तर प्रदेश में समावेशी विकास और मजबूत ग्रामीण अर्थव्यवस्था का एक सफल मॉडल पेश कर रही है. लाखों परिवार आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहे हैं और गांवों में विकास कार्यों को गति मिल रही है. 48 लाख से अधिक परिवारों को रोजगार और 31% एससी-एसटी लाभार्थियों का रिकॉर्ड आंकड़ा यह साबित करता है कि सरकार समाज के हर वर्ग को समान अवसर प्रदान करने और ग्रामीण रोजगार को मजबूत करने की दिशा में तेजी से काम कर रही है.

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