राम मंदिर में रामलला की मूर्ति पर किस तकनीक से रामनवमी को पड़ेंगी सूर्य की किरणें, यहां जानिए
इस रामनवमी अयोध्या के राम मंदिर में कुछ बहुत ही अद्भुत और अलग होने जा रहा है. दरअसल रामलला की मूर्ति को इस तरह से बनाया गया है, जिससे हर साल रामनवमी के दिन भगवान सूर्य स्वयं रामलला का अभिषेक कर सके.
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Ram Mandir News: अयोध्या के राम मंदिर में रामलला विराजमान हो गए हैं. खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस साल 22 जनवरी को इस नवनिर्मित मंदिर में रामलला के नवीन विग्रह की ‘प्राण-प्रतिष्ठा’ की थी. आपको बता दें कि जब इस मंदिर का निर्माण हो रहा था तब मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने दावा करते हुए कहा था कि 'मंदिर में हर वर्ष रामनवमी के दिन दोपहर बारह बजे सूर्य की किरणें श्रीराम की मूर्ति पर पड़ें, ऐसी व्यवस्था की जा रही है.' ऐसे में अब राममावमी करीब है और भक्तों को सूर्य की किरणें मूर्ति पर पड़ने का बेसब्री से इंतजार है.
किस समय सूर्य की किरणें रामलला का अभिषेक करेंगी?
गौरतलब है कि राममंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने इसको लेकर विस्तार से जानकारी दी थी. उन्होंने बताया था कि प्रभु श्रीराम की मूर्ति को इस तरह से बनाया गया है कि हर साल रामनवमी के दिन दोपहर 12 बजे खुद भगवान सूर्य रामलला का अभिषेक करेंगे. 12 बजे सूर्य की किरण सीधे रामलला के ललाट पर पड़ेगी और वह रामलला का अभिषेक करेगी.
किस तकनीक का हुआ है इस्तेमाल?
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चंपत राय ने बताया था, रामलला की मूर्ति को ऐसा बनाया गया है, जिससे हर साल रामनवमी के मौके पर भगवान सूर्य स्वयं श्रीराम का अभिषेक करेंगे. उन्होंने बताया था कि देश के प्रसिद्ध अंतरिक्ष वैज्ञानिकों की सलाह पर मूर्ति की लंबाई और उसे स्थापित करने की ऊंचाई को इस प्रकार से रखा गया है कि हर साल चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को दोपहर 12 बजे सूर्य की किरणें प्रभु श्रीराम के ललाट पर पड़ेगी और रामलला का अभिषेक करेगीं.
ये हैं रामलला की मूर्ति की 7 विशेषताएं
- रामलला की यह नई मूर्ति दक्षिण भारतीय शैली की है. इस मूर्ति में उत्तर और दक्षिण भारत दोनों का सामंजस्य दिखाई देगा.
- मैसूर के शिल्पकार अरुण योगीराज ने इस मूर्ति को तराशा है.
- इस मूर्ति में भगवान विष्णु के दसों अवतार का वर्णन किया गया है.
- मूर्ति का वजन करीब 200 किलो है.
- मूर्ति की ऊंचाई 4.24 फीट और चौड़ाई 3 फीट है.
- इस मूर्ति को खड़ी अवस्था में इसलिए रखा गया है, ताकि दूर से लोग इसे देख सकें.
- बता दें कि रामलला की यह मूर्ति अचल होगी.
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