अयोध्या: स्कूल के बच्चों तक पहुंची हिंदू-मुस्लिम की रार! SP-BJP आमने सामने, जानें मामला

बनबीर सिंह

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Ayodhya News: धर्म आधारित संकीर्णता छोटे-छोटे बच्चों में भी इस कदर घर बनाती जा रही है कि स्कूल में भी कुरान और हनुमान चालीसा पर बहस होनी शुरू हो गई है. ऐसा ही एक मामला अयोध्या जनपद के सोहावल क्षेत्र के एक अल्पसंख्यक स्कूल से सामने आया है. जहां एक मुस्लिम स्कूल में दो समुदाय के 4 छात्रों के बीच कुरान, हनुमान चालीसा, रामचरितमानस और मंदिर-मस्जिद को लेकर बहस हो गई. मुस्लिम बच्चों ने इसकी शिकायत कॉलेज प्रबंध तंत्र से की, जिसके बाद आरोप है की एक ही समुदाय के 2 छात्रों के नाम काट दिए गए और उन्हें स्कूल से निष्कासित कर दिया गया.

इसी मुद्दे को लेकर अयोध्या में संतों में गहरा आक्रोश है. मुस्लिम स्कूल जाने के लिए निकले अलग अलग संतो को बड़ी मुश्किल से पुलिस ने रोका. वहीं, इसको लेकर भाजपा और सपा की तरफ से मुस्लिम नेता भी सामने आ गए हैं. भाजपा समर्थित मुस्लिम नेता इसको दंगे कराने की साजिश बता रहे हैं. वहीं, बाबरी मस्जिद के विध्वंस मुकदमे के गवाह रहे नुसरत कुद्दूसी चुनावी लाभ और सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर मस्जिद के लिए मिली जमीन पर मस्जिद ना बनने देने के लिए इसे साजिश बता रहे हैं. दूसरी तरफ अयोध्या के शिक्षा विभाग और जिला प्रशासन ने भी जांच शुरू कर दी है. जबकि अयोध्या सीओ राजेश तिवारी की मानें तो पुलिस ने इस मामले में मुकदमा भी दर्ज कर लिया है.

क्या है मामला?

बता दें कि यह मामला अयोध्या जनपद के सोहावल क्षेत्र के रोनाही-ड्योढ़ी संपर्क मार्ग पर फैज इ आम मुस्लिम कालेज का है. यहां नर्सरी से लेकर कक्षा 12 तक की कक्षाएं चलती हैं. इस विद्यालय में कक्षा 5 तक अधिकतर बच्चे मुस्लिम हैं, तो वहीं 6 से 8 तक 70 प्रतिशत बच्चे मुस्लिम हैं, जबकि 9 से 12 तक हिंदू और मुस्लिम बच्चों की संख्या लगभग बराबर हो जाती है.

विवाद की शुरुआत बीते मंगलवार को कक्षा 11 के हिंदू और मुस्लिम छात्रों के बीच होती है. दरअसल सौरव यादव नाम का एक छात्र कबीर के दोहे पढ़ रहा था. आरोप है कि उसी समय जीशान और आबिद नाम के दो छात्रों ने उससे कुरान पढ़ने को कहा तो जवाब में सौरभ ने उनसे हनुमान चालीसा और रामायण पढ़ने की बात कही. बढ़ते-बढ़ते बहस मंदिर-मस्जिद तक जा पहुंची.

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इसी बीच इस विवाद में मानवेंद्र सिंह नामक छात्र भी सौरव यादव की तरफ से शामिल हो गया. बात मारपीट तक आ गई और जीशान और आबिद ने इसकी शिकायत स्कूल के प्रिंसिपल से की जिसके बाद मानवेंद्र प्रताप सिंह और सौरव यादव को स्कूल से निष्कासित कर दिया गया. आरोप है कि मामले ने तूल पकड़ा तो विद्यालय के रजिस्टर में दोनों मुस्लिम बच्चों के नाम भी काट दिए गए.

इसके बाद प्रबंध तंत्र ने सभी बच्चों से खेल खेल में विवाद होने का एक पत्र भी लिखवा लिया. फिर निष्कासित छात्रों का पुनः प्रवेश ले लिया गया और सौरव यादव नाम के छात्र ने विद्यालय में पढ़ने से इंकार कर दूसरे विद्यालय में अपना दाखिला करा लिया.

छात्र सौरव ने क्या बताया?

सौरव यादव ने बताया, “एक रहीम दास का दोहा था. एक लड़का था, मुस्लिम था बोला कि रहीम दास का दोहा क्यों पढ़ रहे हो कुरान पढ़ो. हमने बोला कि हम कुरान क्यों पढ़ें. आप रामायण पढ़िए, रामचरितमानस पढ़िए, वह अपने धर्म की बढ़ाई करने लगे. तब हमारा नाम स्कूल से खारिज कर दिया गया.”

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सौरव ने आरोप लगाते हुए कहा, “वह विद्यालय को शरिया कानून के हिसाब से चलाना चाहते हैं. हम कक्षा आठ से पढ़ रहे हैं. अपने कानून के हिसाब से अभी तक हमने पढ़ा है. वहां पर भारत माता की जय नहीं होती है. वह अपना ही प्रार्थना करवाते हैं. सिर्फ राष्ट्रगान होता है. वंदे मातरम भी नहीं बोला जाता है. वह दूसरा कोई लिखा है इकबाल के नाम से वह पढ़ाते हैं.”

वहीं, विद्यालय के प्रबंधक मोहम्मद अख्तर सिद्दीकी जो पहले यह दलील दे रहे थे कि कॉलेज के किसी प्रपत्र में कहां लिखा है की धार्मिक उन्माद फैलाने के आरोप में छात्रों के नाम काटे गए हैं? अब यूपी तक से बातचीत में उन्होंने खुद माना कि मामला कुरान, हनुमान चालीसा, रामायण और मंदिर मस्जिद पर दो अलग-अलग समुदाय के 4 बच्चों के बीच बहस के दौरान का है. उन्होंने यह भी माना है कि मारपीट की नौबत तक आ गई थी, जिसके बाद छात्रों को स्कूल से निष्कासित कर दिया गया था.

हालांकि वह सफाई भी देते हैं और कहते हैं कि जैसा कहा जा रहा है कि हिंदू बच्चों को ही निष्कासित किया गया यह गलत है. बल्कि चारों बच्चों को निष्कासित किया गया था.

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वहीं, इस घटना के विरोध में अयोध्या के कई बड़े संत मुखर हो गए. रौनाही के मुस्लिम स्कूल पहुंचने के लिए निकले संतो को बड़ी मुश्किल से पुलिस ने रोका. मुख्य पुजारी रामजन्मभूमि सत्येंद्र दास ने कहा, “यह बहुत गलत हुआ, सुनाई दिया कि मुस्लिम विद्यालय में हिंदू छात्रों के साथ भेदभाव होता है. ऐसी घटनाएं बहुत शर्मनाक हैं.”

मामले पर आमने-सामने आईं BJP-SP

इस विवाद ने इतनी तेजी से तूल पकड़ा है कि भाजपा नेता और समर्थक अनीश उर्फ बबलू खान भी सामने आ गए हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि विद्यालय प्रबंधक और उसका बेटा दोनों समाजवादी पार्टी से जुड़े हुए हैं, इसीलिए दंगा फैलाने की यह पूरी साजिश रची गई है.

वहीं, इसके जवाब में समाजवादी पार्टी से जुड़े और बाबरी विध्वंस मुकदमे में सीबीआई के गवाह रहे नुसरत कुद्दूसी भी सामने आए और पलटवार करते हुए कहा कि दंगा फैलाने की साजिश समाजवादी पार्टी की नहीं बल्कि भाजपा की है. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि ‘भाजपाई मस्जिद बनने से रोकना चाहते हैं. इसी के साथ उन्होंने एक और विवादित बयान दिया और कहा कि सरकार ने मस्जिद बनने के लिए जो जमीन दी है, वहां जो मस्जिद बनेगी वह मुसलमानों की नहीं होगी बल्कि मोदी और योगी की होगी.’

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