मुलायम परिवार के प्रभाव वाली सीटों पर अखिलेश का फोकस, चुनावी मैदान में उतरे परिवार के इतने लोग

रजत कुमार

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अखिलेश के लिए परिवार की सीटें बचाना ज्यादा जरूरी है, बाकियों की तो वैसे भी उम्मीद कम ही है
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Uttar Pradesh News : पटना के गांधी मैदान में पिछले दिनों विपक्ष ने ‘जनविश्वास महारैली’ का आयोजन किया था. इस रैली में विपक्षी पार्टियों के कई बड़े नेता एक मंच पर नजर आए, जिसमें लालू प्रसाद यादव, कांग्रेस नेता राहुल गांधी, सपा प्रमुख अखिलेश यादव भी शामिल थे. इस महारैली ने लालूप्रसाद यादव ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के परिवार पर सवाल उठाए तो जवाब में मोदी ने कहा कि सारा देश ही उनका परिवार है. या यूं कहें कि मोदी ही देश हैं और देश ही उनका परिवार है. इसी तर्ज पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि सारा बिहार ही मेरा परिवार है. देश को अपना परिवार बताने की मची होड़ के बीच उत्तर प्रदेश में असली कमाल सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने किया. लोकसभा चुनाव के लिए सपा ने शनिवार को अपनी पांचवी लिस्ट जारी की जिसमें पारिवारिक समीकरण हावी होते दिखा.

यादव परिवार के चार लोगों को मिला टिकट

मिशन 2024 में जुटी समाजवादी पार्टी ने 6 प्रत्याशियों की पांचवी लिस्ट जारी की. इस लिस्ट में आजमगढ़ से धर्मेंद्र यादव को सपा ने अपना प्रत्याशी बनाया है. बता दें कि लोकसभा चुनाव के लिए सपा ने अब तक 42 प्रत्याशियों के नामों का एलान कर चुकी है, जिसमें से चार प्रत्याशी खुद यादव परिवार से हैं. अखिलेश ने परिवार से - पत्नी डिंपल यादव, चाचा शिवपाल यादव,रामगोपाल के बेटे अक्षय यादव और भाई धर्मेंद्र यादव चुनावी मैदान में उतारा है. और सियासि गलियारों में इसकी संभावना काफी प्रबल बताई जा रही है कि खुद अखिलेश यादव भी चुनावी जंग में नजर आएंगे. अगर ऐसा होता है तो यादव परिवार के कुल पांच सदस्य चुनावी मैदान में ताल ठोकते नजदर आएंगे. 

कौन कहां से लड़ रहा चुनाव 

  • फिरोजाबाद सीट से अक्षय यादव 
  • मैनपुरी से डिंपल यादव 
  • आजमगढ़ से धर्मेंद्र यादव 
  • बदायूं से शिवपाल यादव 

2019 में परिवार के 6 लोग थे मैदान में 

वहीं बात 2019 लोकसभा चुनाव की करें तो उस चुनाव में समाजवादी पार्टी ने पांच सीटों पर जीत हासिल की थी. इन सीटों में दो सीट परिवार के खाते में ही गई थी.2019 में मुलायम सिंह मैनपुरी, अखिलेश यादव आजमगढ़, डिंपल कन्नौज, धर्मेंद्र यागव बदायूं से, शिवपाल-अक्षय यादव फिरोजाबाद से चुनावी मैदान में थे. हांलाकि शिवापाल यादव सपा से अलग होकर चुनाव लड़ा था. वहीं  2014 में मुलायम सिंह यादव मैनपुरी से , डिंपल कन्नौज से , अक्षय फिरोजाबाद और धर्मेंद्र बदायूं से चुनावी मैदान में उतरे थे. मुलायम सिंह ने 2014 में भी दो सीटों से नामांकन दाखिल किया था, आजमगढ़ और मैनपुरी. लेकिन बाद में मैनपुरी सीट छोड़ दिये जहां से उपचुनाव जीत कर उनके परिवार के ही तेज प्रताप यादव संसद पहुंचे थे.  

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परिवार के प्रभाव वाली सीटों पर फोकस

मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद उपचुनाव जीत कर डिंपल यादव मैनपुरी से सांसद हैं और इस बात की जोरदार चर्चा है कि कन्नौज का किला बचाये रखने के लिए अखिलेश यादव खुद लोकसभा चुनाव के मैदान में उतर सकते हैं. इस चुनाव में कन्नौज और मैनपुरी तो यादव परिवार के लिए सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण लोकसभा क्षेत्र हैं ही, बदायूं और फिरोजाबाद के साथ-साथ आजमगढ़ पर भी जोर दिखाई पड़ रहा है. अखिलेश यादव का पूरा जोर है कि चाहे कुछ हो जाए कम से कम इन पांच सीटों पर सपा की साइकिल दौड़ती नजर आए. इसलिए इन सीटों पर परिवार के लोगों को उतारा गया है. हांलाकि अभी कन्नौज से उम्मीदवार के नाम का एलान नहीं किया गया है. 

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