CM योगी का तीखा हमला, बोले- सत्ता में आने पर कांग्रेस शरिया कानून को लागू करेगी

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए दावा किया कि यह पार्टी अनुसचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और पिछड़ी जातियों के अधिकारों पर ‘डकैती’ डालने के लिये सत्ता में आना चाहती है. आदित्यनाथ ने यहां भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश मुख्यालय पर संवाददाता सम्मेलन में कांग्रेस और इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस (इंडिया) पर गंभीर आरोप लगाए.

 उन्होंने दावा किया, "कांग्रेस और ‘इंडिया’ की मंशा अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़ी जाति के अधिकारों पर डकैती डालने की है और इसके लिए वह सरकार में आना चाहते हैं. वह जातिगत जनगणना कराना चाहते हैं और उसके आधार पर बहुसंख्यक समाज के सामाजिक ताने-बाने को छिन्न-भिन्न करने का प्रयास करेंगे." मुख्यमंत्री ने दावा किया कि वर्ष 2006 में कांग्रेसनीत केंद्र सरकार के तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अपने एक भाषण में इस बात का उल्लेख किया था कि देश के संसाधनों पर पहला अधिकार मुसलमानों का है.

 

 

सीएम योगी ने आरोप लगाया, "कांग्रेस देश के लोगों की संपत्ति का सर्वेक्षण करवाएगी और उसके बाद इसका बंदरबांट करेगी यानी वह अपनी पुरानी स्मृति में लेकर जा रहे हैं कि पहला अधिकार किसका है और फिर वहीं से उनकी शुरुआत हो रही है. इसके लिए वह जातीय जनगणना को आधार बना रहे हैं." मुख्यमंत्री ने यह भी दावा किया कि कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में यह मंशा जतायी है. उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस की मंशा हमेशा येन-केन-प्रकारेण सत्ता प्राप्त करने की रही है और वे देश की कीमत पर सत्ता चाहते हैं.

सीएम योगी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस सत्ता में आने पर ‘मुस्लिम पर्सनल लॉ’ यानी शरिया कानून को लागू करके तालिबानी विध्वंस का समर्थन करने की बात करती है.

 

 

 उन्होंने कहा, "इससे कांग्रेस की मंशा स्पष्ट उजागर होती है कि उनका इरादा देश के प्रति अच्छा नहीं है. वह अपने उसी पुराने ‘डीएनए’ के अनुसार कार्य करने का प्रयास कर रही है जिसके कारण 1947 में देश का विभाजन हुआ था, जिसके कारण देश आतंकवाद, उग्रवाद और अलगाववाद की चपेट में आया था." मुख्यमंत्री ने दावा किया कि न्यामूर्ति रंगनाथ मिश्रा की अध्यक्षता में जो कमेटी बनाई गई उसकी सिफारिश कांग्रेस की मंशा के अनुरूप देश में लागू करने के कुत्सित परिणाम हुए थे.

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सीएम ने कहा, "इसके तहत अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़े वर्गों के आरक्षण के अधिकार को एक वर्ग विशेष को देने के प्रयास शुरू किए गए थे. आयोग की सिफारिशों में अन्य पिछड़े वर्गों को मिलने वाले 27 प्रतिशत आरक्षण में से छह प्रतिशत अल्पसंख्यक समुदाय को देने की बात कही गयी थी." आदित्यनाथ ने यह भी आरोप लगाया कि सच्चर कमेटी की रिपोर्ट में भी दलितों और अनुसूचित जातियों तथा जनजातियों के आरक्षण में घुसपैठ करके उसके एक हिस्से को भी मुस्लिम वर्ग को जबरन देने के कुत्सित प्रयास किए गए थे, जिसका उस समय भारी विरोध हुआ था.

 

 

मुख्यमंत्री ने दावा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले 10 वर्षों में देश के अंदर काम की राजनीति पर ध्यान देकर पूरी जवाबदेही के साथ हर मोर्चे पर सर्वांगीण विकास के जिन लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में प्रयास शुरू किए हैं आज देश इसका लाभ प्राप्त कर रहा है.  उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर इतने लंबे समय तक शासन करने के बावजूद कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों की राजनीति काम पर आधारित क्यों नहीं हो सकी?

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