विचित्र हाव-भाव वाला बरेली का ये कुलदीप कैसे बना साइको किलर? 9 औरतें रहम की भीख मांगती रह गईं
बरेली के कुलदीप की खौफनाक कहानी, जिसने 9 औरतों की रहम की भीख को नजरअंदाज करते हुए साइको किलर का रूप धारण कर लिया. विचित्र हाव-भाव और इस भयानक अपराध की चौंकाने वाली जानकारी प्राप्त करें.
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Bareilly Crime News: उत्तर प्रदेश के बरेली जिले से एक ऐसे साइको किलर की कहानी सामने आई है, जिसे सुन आप हैरत में पड़ जाएंगे. दरअसल, यहां पुलिस ने कुलदीप नामक साइको किलर को 9 महिलाओं के कत्ल के आरोप में गिरफ्तार किया है. बता दें कि पुलिस ने जब साइको किलर को गिरफ्तार किया, तब वह विचित्र हाव-भाव बनाते हुए नजर आया. गिरफ्तार हुए इस साइको किलर का नाम कुलदीप है. आप खबर में आगे जानिए आखिर वो क्या वजह थी जिसकी वजह से कुलदीप ने महिलाओं का कत्ल करना शुरू किया. साथ ही यह भी जानिए आखिर पुलिस ने कुलदीप को गिरफ्तार करने के लिए क्या-क्या जतन किए?
कुलदीप क्यों बना साइको किलर?
आरोपी कुलदीप ने विस्तृत पूछताछ में यह बताया कि वह मूल रूप से ग्राम बाकरगंज थाना नबाबगंज क्षेत्र का निवासी है. उसकी दो सगी बहनें है. सगी मां की मृत्यु हो चुकी है. उसके पिता बाबूराम ने उसकी मां के जीवित रहते समय ही एक अन्य महिला से भी विवाह कर लिया था. आरोपी का पिता बाबूराम अक्सर अपनी पहली पत्नी के साथ, उसकी दूसरी पत्नी के कहने पर, मारपीट करता था. इन सब कारणों से आरोपी के मन में उसकी सौतेली मां के प्रति विद्वेष का भाव रहता था. इसलिए वह अपनी सौतेली मां की उम्र की 45 से 50 साल की महिलाओं को अपना शिकार बनाने लगा.
आरोपी ने अपनी पत्नी का किया था ये हाल
आरोपी ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि उसकी शादी साल 2014 में हुई थी. वह अपनी पत्नी के साथ भी सामान्य व्यवहार नहीं करता था. इस कारण विरोध करने पर वह अपनी पत्नी के साथ भी मारपीट करता था. इस हिंसक प्रवृत्ति के कारण परेशान होकर कुछ साल पहले उसकी पत्नी भी उसको छोड़कर चली गई थी. इन्हीं कारणों से कुंठित होकर भांग, सुल्फा, शराब आदि का सेवन करने लगा और अपने घर बाकरगंज से निकलकर आस-पास के जंगल गांव-गांव भटकने लगा.
हत्या करने से पहले कुलदीप करता थे ये काम
पुलिस के अनुसार, आरोपी द्वारा उपरोक्त समस्त घटनाएं उसके दिमाग में महिलाओं के प्रति विद्यमान कुंठा, विद्वेष और बदले की भावना का परिणाम है. साथ-साथ यह भी तथ्य प्रकाश में आया है कि आरोपी कुलदीप को आस-पास के समस्त क्षेत्र के सुनसान, निर्जन खेतों के रास्तों पगडंडियों की पूरी-पूरी जानकारी हैं. जिन पर वह दिन भर पैदल घुमा करता रहता था. केवल निर्जन स्थान पर अकेली महिला को देखकर ही उस पर हमला करता था. हमला करने से पहले वह इस बात को पूरी तरह सुनिश्चित करता था कि किसी ने उसको महिला के पीछे जाते हुए नहीं देखा है. अगर महिला का पीछा करते समय रास्ते में कोई भी बच्चा, पुरूष या अन्य महिला उसको मिल जाती थी, तब वह उस दिन घटना नहीं करता था. सभी घटनाएं गन्ने के खेत में किए जाने का कारण उसने पूछताछ में बताया कि यहां उसे देख पाना मुश्किल होता था.
हत्या करने के बाद गले में गांठ बांधने के बारे में पूछने पर कुलदीप ने बताया कि वह यह सुनिश्चित करना चाहता था कि महिला मर गयी है. इसलिए महिला को मारकर वहां से जाते समय और उसके गले में उसी की पहनी गई साड़ी या दुपट्टे से कसकर गांठ लगा देता था.
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कुलदीप नहीं रखता था अपने पास मोबाइल
पुलिस ने बताया कि कुलदीप कभी भी मोबाइल फोन का इस्तेमाल नहीं करता था और न ही आने-जाने के लिए किसी वाहन या साधन का प्रयोग करता था. वह पैदल ही घूमता था और हत्या के बाद निशानी के तौर पर अपने शिकार का सामान ले जाता था.
पुलिस ने कुलदीप को पकड़ने के लिए किए ये जतन
बरेली पुलिस को हत्यारे तक पहुंचने में 12 महीने से अधिक का समय लगा. एसएसपी बरेली अनुराग आर्या ने इस साइको किलर को गिरफ्तार करने के लिए 22 टीमों का गठन किया. 25 किलोमीटर के एरिया में इस ऑपरेशन को चलाने व इस अभियान के लिए 600 से अधिक नए कैमरे और लगभग 1500 सीसीटीवी कैमरों की मदद ली गई. डेढ़ लाख से अधिक मोबाइल का डाटा निकल कर सर्विलेंस पर लगाया गया. तब कहीं जाकर बरेली पुलिस के हाथ आरोपी तक पहुंचे और साइको किलर को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है.
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