लोक निर्माण विभाग में ट्रांसफर विवाद: मंत्री जितिन प्रसाद के OSD पर क्यों हुआ एक्शन, जानिए

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लोक निर्माण विभाग में हुए तबादलों में गड़बड़ियों पर सीएम योगी के कड़े रुख के बाद अब दोषी अधिकारियों पर गाज गिरनी शुरू हो गई है. पहली गाज पीडब्ल्यूडी मंत्री जितिन प्रसाद के विशेष कार्य अधिकारी एसडीम अनिल कुमार पांडे पर गिरी है. सचिवालय प्रशासन विभाग ने कल उन्हें कार्यमुक्त कर मूल विभाग में वापस दिल्ली भेजने के आदेश जारी कर दिए हैं. पांडे के खिलाफ सतर्कता जांच और अनुशासनिक कार्रवाई की सिफारिश भी की गई है.

सूत्रों के मुताबिक पीडब्ल्यूडी विभाग के मनोज गुप्ता और एक स्टाफ अफसर के खिलाफ भी आज या कल में कोई एक्शन लिया जा सकता है. बड़े पैमाने पर हुए तबादलों की अभी भी जांच चल रही है.

यूपी में चिकित्सकों के तबादले में हुई गड़बड़ियों के बाद लोक निर्माण विभाग के इंजीनियरों के तबादले में भी गड़बड़ी का मामला सामने आया था. लोक निर्माण विभाग में 350 से अधिक इंजीनियरों का तबादला हुआ था. पीडब्ल्यूडी के करीब 200 अधिशासी अभियंताओं और डेढ़ सौ से अधिक सहायक अभियंताओं का तबादला किया गया है. इसको लेकर भी शिकायतें आई थीं.

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लोक निर्माण विभाग में 3 साल पहले अमृत इंजीनियर और कई इंजीनियरों का एक से अधिक जिले में तबादले का मामला सामने आया था. तबादलों की अंतिम तारीख जहां सभी विभागों के लिए 30 जून थी, वहीं लोक निर्माण विभाग में 10 जुलाई कर दी गई.

इसके बाद सीएम योगी तक कई मामलों में भ्रष्टाचार की शिकायत गई थी. स्वास्थ्य तबादला विवाद में जांच की सिफारिश के साथ ही सीएम योगी ने पीडब्ल्यूडी की जांच के आदेश दे दिए थे.

सूत्रों के मुताबिक समिति ने अपनी रिपोर्ट में पाया है कि मंत्री के ओएसडी अनिल कुमार पांडे के खिलाफ तबादलों में भ्रष्टाचार की कई शिकायतें हैं और सूत्र बताते हैं कि उन्होंने स्थानांतरित होने वाले लोगों से पैसे ले लिए हैं. उत्तर प्रदेश आने से पहले अनिल केंद्र में उपभोक्ता मामले खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय में अवर सचिव के पद पर तैनात थे. हालांकि अभी एक्शन की रडार में और भी कई अफसर हैं.

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