पिता मुख्तार अंसारी की कब्र पर फातिहा पढ़ने में क्या क्या करेंगे अब्बास? हर डिटेल जानिए

विनय कुमार सिंह

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Mukhtar Ansari News: उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को जेल में बंद उत्तर प्रदेश के विधायक अब्बास अंसारी को अपने पिता मुख्तार अंसारी की 10 अप्रैल को ‘फातिहा’ रस्म में शरीक होने की अनुमति दे दी. इसके लिए अब्बास अंसारी को कासगंज जेल से पर्याप्त सुरक्षा के साथ पुलिस हिरासत में उनके पैतृक निवास स्थान गाजीपुर ले जाया जा रहा है. इस बीच आज अब्बास का आज क्या-क्या कार्यक्रम रहेगा, उसकी जानकारी सामने आ गई है, जिसे आप खबर में आगे जान सकते हैं.

मिली ताजा जानकारी के अनुसार, कासगंज से गाजीपुर जेल ले जाए जा रहे अब्बास अंसारी का काफिला अब कुछ ही समय में गाजीपुर पहुंचने वाला है. आपको बता दें कि अब्बास को सबसे पहले गाजीपुर जेल ले जाया जाएगा. यहां पर फॉर्मेलिटी पूरी करने के बाद उन्हें  धार्मिक रस्म और रिवाज अदा करने का मौका दिया जाएगा. 

 

 

आपको बता दें कि अब्बास की फातिहा रस्म अदायगी शाम तक होगी. अब्बास चाह कर भी गाजीपुर में होने के बावजूद एक भी रात अपने घर पर नहीं बिता पाएंगे. अब्बास पुलिस कस्टडी पैरोल पर हैं, इसलिए उन्हें रात जेल में ही बितानी पड़ेगी.

अब्बास की याचिका पर SC ने ये कहा था

अपने पिता की फातिहा रस्म में शरीक होने की अनुमति मांगने संबंधी अब्बास की अर्जी न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ के समक्ष आई थी. पीठ ने कहा था कि रस्म में शामिल होने की अनुमति देने से इनकार करने का कोई कारण नहीं है. पीठ ने कहा था, "यूपी के पुलिस महानिदेशक इस संबंध में आवश्यक कदम उठाएं." 

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पीठ ने कहा कि गाजीपुर जिला प्रशासन सत्यापित करेगा कि क्या 11 अप्रैल को अन्य रस्म होनी है और यदि हां, तो अब्बास को पुलिस हिरासत में उसमें शामिल होने की अनुमति दी जाएगी.  न्यायालय ने कहा कि अब्बास को 11 और 12 अप्रैल को अपने परिवार के सदस्यों से मिलने की अनुमति दी जाए. न्यायालय ने कहा कि उन्हें 13 अप्रैल को वापस कासगंज जेल लाया जाए.

 

 

28 मार्च को हुआ था मुख्तार का निधन

न्यायिक हिरासत में रहने के दौरान तबीयत बिगड़ने के बाद, 28 मार्च को उत्तर प्रदेश में बांदा के एक अस्पताल में दिल का दौरा पड़ने से मुख्तार अंसारी की मृत्यु हो गई थी. गैंगस्टर से राजनीतिक नेता बने अंसारी खिलाफ दर्जनों मामले दर्ज थे जिनमें से कुछ में उसे अदालत ने दोषी करार दिया था.
 

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