लखनऊ, कानपुर, वाराणसी में नारी शक्ति का जलवा! यूपी के महिला आर्थिक सशक्तिकरण सूचकांक WEE Index की ये तस्वीर देखिए

यूपी तक

योगी सरकार ने महिला आर्थिक सशक्तिकरण के लिए 'WEE सूचकांक' लॉन्च किया. लखनऊ, कानपुर, वाराणसी अव्वल; श्रावस्ती, महोबा जैसे जिलों में अभियान चलाने के निर्देश.

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CM Yogi Adityanath launches WEE Index: उत्तर प्रदेश में महिलाओं को और मजबूत बनाने के लिए योगी सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने 'महिला आर्थिक सशक्तिकरण सूचकांक' (WEE इंडेक्स) पेश किया गया. यह सूचकांक बताता है कि राज्य की सरकारी योजनाओं से महिलाओं को कितना फायदा मिल रहा है और किन क्षेत्रों में अभी और काम करने की जरूरत है. मुख्यमंत्री ने इसे महिलाओं के सम्मान और आत्मनिर्भरता की दिशा में 'ऐतिहासिक कदम' बताया.

क्या है यह सूचकांक और क्यों है खास?

योजना विभाग ने उदयती फाउंडेशन के साथ मिलकर यह खास सूचकांक तैयार किया है. यह इंडेक्स 5 मुख्य बातों पर महिलाओं की स्थिति का आकलन करता है:

  • उद्यमिता (अपना व्यवसाय शुरू करना)
  • रोजगार
  • शिक्षा और कौशल
  • आजीविका (कमाने के तरीके)
  • सुरक्षा और आने-जाने की सुविधाएं

इस सूचकांक के जरिए यूपी के सभी 75 जिलों का मूल्यांकन किया गया है. ऐसा इसलिए ताकि पता चल सके कि किस जिले में महिलाओं को योजनाओं का अच्छा लाभ मिला और कहां अभी और मेहनत करनी है.

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कौन से जिले हैं आगे और कहां है चुनौती?

इसमें सामने आया कि लखनऊ, कानपुर नगर और वाराणसी जैसे बड़े शहरों ने महिला सशक्तिकरण की योजनाओं में शानदार प्रदर्शन किया है. यहां महिलाओं को योजनाओं का बेहतर लाभ मिल रहा है. हालांकि, श्रावस्ती, संभल, महोबा, बलरामपुर और सिद्धार्थनगर जैसे कुछ जिलों में अभी भी विशेष प्रयासों की जरूरत है, क्योंकि यहां महिलाओं की भागीदारी कम रही है. मुख्यमंत्री ने इन जिलों में खास अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं.

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रोजगार और सुरक्षा में महिलाओं को प्राथमिकता

  1. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कई अहम निर्देश दिए हैं:
  2. होमगार्ड और शिक्षकों की नई भर्तियों में महिलाओं को वरीयता दी जाएगी, ठीक वैसे ही जैसे पुलिस भर्ती में मिलती है.
  3. 'एक जनपद एक उत्पाद' (ODOP) योजना के तहत महिलाओं को फायदा पहुंचाने के लिए बांदा, जालौन, जौनपुर, महोबा, श्रावस्ती और सीतापुर समेत सभी जिलों में खास अभियान चलेगा.
  4. तकनीकी संस्थानों, कौशल प्रशिक्षण केंद्रों और व्यावसायिक कोर्सों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए विशेष कार्यक्रम चलेंगे.
  5. जो महिलाएं बीच में ट्रेनिंग छोड़ चुकी हैं, उन्हें दोबारा जोड़ने के लिए हर जिले में 'पुनः नामांकन इकाई' बनाई जाएगी.
  6. स्वास्थ्य और सेवा क्षेत्र में महिलाओं को आगे लाने के लिए पैरामेडिकल संस्थानों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी.
  7. सार्वजनिक परिवहन (जैसे बसें) में महिलाओं को ड्राइवर और कंडक्टर जैसे पदों पर अवसर दिए जाएंगे, और इसके लिए उन्हें विशेष ट्रेनिंग और प्रोत्साहन मिलेगा.

'रिपोर्ट नहीं, काम का आधार बने सूचकांक'

सीएम योगी ने सभी विभागों से साफ कहा कि इस सूचकांक को केवल एक रिपोर्ट मानकर न छोड़ें, बल्कि इसे अपने काम का आधार बनाएं और तय लक्ष्यों को समय पर पूरा करें. उन्होंने जोर देकर कहा कि जब उत्तर प्रदेश की महिलाएं ही योजनाओं की असली ताकत बनेंगी, तभी पूरे समाज और राज्य की तरक्की सुनिश्चित हो पाएगी. यह सूचकांक अब सीधे मुख्यमंत्री नियंत्रण कक्ष से भी जोड़ा जाएगा ताकि निगरानी बेहतर हो सके.

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