महाकुंभ के समापन के बाद PM मोदी बोले- 'कुछ कमी रह गई हो तो क्षमा करें', CM योगी के नेतृत्व को लेकर दिया बड़ा बयान 

सुषमा पांडेय

Mahakumbh News: प्रयागराज में 45 दिनों तक चले महाकुंभ का समापन हो चुका है. यह आयोजन न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण रहा, बल्कि सियासी गलियारों में भी इसकी खूब चर्चा हुई.

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Picture: PM Modi & CM Yogi
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Mahakumbh News: प्रयागराज में 45 दिनों तक चले महाकुंभ का समापन हो चुका है. यह आयोजन न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण रहा, बल्कि सियासी गलियारों में भी इसकी खूब चर्चा हुई. उत्तर प्रदेश की सरकार जहां इसके सफल आयोजन को अपनी बड़ी उपलब्धि मान रही है, वहीं भारतीय जनता पार्टी (BJP) इस मंच से राजनीतिक संदेश देने में जुटी है. 

पीएम मोदी की भावुक अपील

महाकुंभ के समापन के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक ब्लॉग के जरिए आयोजन से जुड़ी अपनी भावनाएं साझा कीं.  उन्होंने लिखा, "मैं जानता हूं, इतना विशाल आयोजन आसान नहीं था. मैं मां गंगा, मां यमुना और मां सरस्वती से प्रार्थना करता हूं कि अगर हमारी आराधना में कुछ कमी रह गई हो तो क्षमा करें." साथ ही उन्होंने श्रद्धालुओं से भी किसी भी असुविधा के लिए माफी मांगी.

सीएम योगी के नेतृत्व की सराहना

पीएम मोदी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व की भी खुलकर तारीफ की. उन्होंने कहा कि 'यूपी का सांसद होने के नाते मैं गर्व से कह सकता हूं कि योगी जी के नेतृत्व में शासन, प्रशासन और जनता ने मिलकर इस महाकुंभ को सफल बनाया.' उन्होंने सफाईकर्मियों, पुलिसकर्मियों, नाविकों, वाहन चालकों और भोजन बनाने वालों को भी उनके समर्पण के लिए धन्यवाद दिया.

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राजनीतिक मायने और चुनावी रणनीति

महाकुंभ का यह आयोजन न केवल यूपी बल्कि पूरे देश की राजनीति के लिए अहम रहा. 2024 के लोकसभा चुनावों में अपेक्षा से कम प्रदर्शन के बाद BJP अब 2027 के विधानसभा चुनावों की तैयारी में जुट गई है. यह आयोजन बीजेपी के लिए अपने मतदाताओं को एकजुट करने और हिंदुत्व की राजनीति को फिर से धार देने का जरिया बना.

विपक्ष का हमला

वहीं, समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव इस आयोजन की खामियों को उजागर करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं. मौनी अमावस्या के दिन हुई भगदड़ को लेकर उन्होंने सरकार पर निशाना साधा. उनका कहना है कि 'महाकुंभ के दौरान प्रशासनिक अव्यवस्थाओं की पोल खुल गई, और डबल इंजन सरकार जनता को सिर्फ भ्रम में रख रही है.' उन्होंने संगम के जल की स्वच्छता को लेकर भी योगी सरकार पर हमला बोला और दिल्ली बनाम लखनऊ का मुद्दा उठाया.

क्या है पीएम मोदी और सीएम योगी की रणनीति

महाकुंभ के सफल समापन के साथ ही पीएम मोदी और सीएम योगी ने विपक्ष के हमलों का जवाब देने की रणनीति भी बना ली है.  जब मौनी अमावस्या पर भगदड़ मची, तो महज तीन घंटे में पीएम मोदी ने चार बार सीएम योगी को फोन किया. इसी तरह, 19 जनवरी को सेक्टर 19 में भीषण आग लगने की घटना पर पीएम मोदी लगातार सीएम योगी के संपर्क में रहे. इन घटनाओं को विपक्षी हमलों को बेअसर करने की मोदी-योगी की रणनीति के रूप में देखा जा रहा है. 

महाकुंभ 2025 केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं था, बल्कि यह सत्ता, प्रशासन और राजनीति का भी संगम था. जहां एक ओर सरकार ने इसे ऐतिहासिक बताया, वहीं विपक्ष ने इसे सरकार की विफलताओं का प्रतीक बताया. अब देखना यह होगा कि क्या यह आयोजन 2027 के विधानसभा चुनावों में बीजेपी के लिए फायदेमंद साबित होगा या विपक्ष इसे एक असफलता के रूप में भुनाने में सफल रहेगा.

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