बुंदेलखंड के प्राचीन किलों को पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित किया जाए: CM योगी आदित्यनाथ

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को कहा कि बुंदेलखंड के झांसी, ललितपुर, जालौन, हमीरपुर, महोबा, बांदा और चित्रकूट में ऐतिहासिक स्मृतियों को संजोए अनेक प्राचीन किलों के महत्व के बारे में नई पीढ़ी को जानकारी उपलब्ध कराई जानी चाहिए.

सीएम ने कहा,

“बुंदेलखंड क्षेत्र में अवस्थित प्राचीन किलों/दुर्गों का जीर्णोद्धार करके उन्हें पर्यटन के नवीन केंद्र के रूप में विकसित किया जा सकता है. विशाल परिसर वाले कई किलों को उनकी भव्यता के साथ बेहतरीन होटल के रूप में तैयार किया जा सकता है. हमें इन संभावनाओं को आकार देना होगा.”

योगी आदित्यनाथ

आपको बता दें कि सीएम ने शनिवार को बुंदेलखंड क्षेत्र के किलों के जीर्णोद्धार के संबंध में बैठक के दौरान यह बातें कहीं.

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प्रदेश सरकार द्वारा जारी एक बयान के मुताबिक, मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि 542 हेक्टेयर के विशाल क्षेत्र में फैले कलिंजर किले में निजी क्षेत्र की सहभागिता से रौशनी एवं संगीत शो और ट्रेकिंग के साथ ही अन्य रोचक गतिविधियों को शुरू किया जाना चाहिए.

उन्होंने कहा कि झांसी दुर्ग में पर्यटकों का आगमन होता है. वहीं, समीप में स्थित बरुआ सागर किले तक जाने के लिए सुगम साधन की जरूरत है.

सीएम योगी ने कहा कि 12 एकड़ परिसर वाला टहरौली किला और 4 एकड़ परिसर वाली दिगारा की गढ़ी, चिरगांव का किला, लोहागढ़ का किला, चम्पत राय महल, रघुनाथ राव महल की स्थिति जीर्ण-शीर्ण हो रही है. उन्होंने कहा कि इनके पुनरुद्धार के लिए ठोस प्रयास किए जाएं.

मुख्यमंत्री ने कहा कि बरुआ सागर किला, टहरौली के किले, दिगारा की गढ़ी, महल महिपाल निवास, सरीला और रघुनाथ राव के महल को विरासत होटल के रूप में विकसित किया जाए. उन्होंने कहा कि किलों में मनोरंजक गतिविधियां विकसित करने पर ध्यान केंद्रित किया जाए.

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मुख्यमंत्री ने कहा कि बुंदेलखंड में किलों के जीर्णोद्धार के साथ पर्यटन की संभावनाओं को आकार देने के लिए पेशेवर एजेंसी द्वारा अध्ययन कराया जाए.

(भाषा के इनपुट्स के साथ)

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