बांदा: ARTO-कॉन्स्टेबल की मौत के मामले में कोर्ट का एक करोड़ 35 लाख बीमा क्लेम देने का आदेश
उत्तर प्रदेश के बांदा में इंश्योरेंस कंपनी की मनमानी पर मोटर वाहन न्यायाधिकरण का डंडा चला है. कोर्ट ने सड़क हादसे में ARTO और कॉन्स्टेबल…
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उत्तर प्रदेश के बांदा में इंश्योरेंस कंपनी की मनमानी पर मोटर वाहन न्यायाधिकरण का डंडा चला है. कोर्ट ने सड़क हादसे में ARTO और कॉन्स्टेबल की मौत के मामले में परिजनों को एक करोड़ 35 लाख रुपये मुआवजे देने का आदेश जारी किया है. साथ ही वाद दायर करने की तारीख से साढ़े 7 प्रतिशत ब्याज भी अदा करने निर्देश दिया है.
कोर्ट ने कहा कि बीमा कंपनी की मनमानी नहीं चलेगी. साथ ही एक माह आदेश का अनुपालन करने के लिए एक महीने का समय दिया है. मोटर वाहन दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण ने न्यू इंडिया इंश्योरेंस के विरुद्ध दायर याचिका स्वीकार करते हुए यह आदेश जारी किया है. जिले में इतना बड़ा मृतक आश्रित को क्लेम दिलाने का यह पहला मामला है.
सरकारी अधिवक्ता उमाशंकर पाल ने बताया कि 24 सितंबर 2019 को देर रात चेकिंग के दौरान बांदा कालिंजर रोड पर गिरवां थाना के पास एक ट्रक ने बोलेरो को पीछे से जोरदार टक्कर मार दी थी, जिसमें बोलेरो के परखच्चे उड़ गए थे. बोलेरो में मौजूद बांदा के ARTO और उनके सुरक्षा कर्मी बुरी तरह घायल हो गए थे. हादसे के कुछ देर बाद सुरक्षा कर्मी की मौत हो गई.
वहीं ARTO को इलाज के लिए गुरुग्राम के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उनकी भी इलाज के दौरान मौत हो गई. घटना के बाद एफआईआर दर्ज की गई थी. उसी दौरान ARTO की पत्नी, कॉन्स्टेबल की पत्नी ने कोर्ट में क्लेम की याचिका दायर की थी. मृतक ARTO आगरा के रहने वाले थे और कॉन्स्टेबल प्रयागराज का रहने वाला था.
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मोटर दुर्घटना कोर्ट में मुकदमे की सुनवाई के दौरान विपक्षियों को नोटिस जारी किया. साथ ही जवाब तलब किया, जिस पर कंपनी की तरफ से जबाव दिया गया कि बोलेरो तेज रफ्तार में थी, जिस पर कोर्ट ने सुनवाई की. दोनों पक्षों की तमाम दलीलों के बाद पत्रावलियों का अवलोकन कर न्यायाधीश ने कंपनी द्वारा की गई तमाम दलीलों को खारिज कर दिया.
साथ ही न्यायाधीश ने आदेश जारी करते हुए कहा कि ARTO का सरकारी कार्य करने के दौरान वेतन 85000 रुपये प्रति माह था, इसी प्रकार सिपाही का 60 हजार रुपये प्रति माह था. ऐसी स्थिति में दोनों कर्मचारी बीमा कंपनी से बीमा क्लेम पाने के हकदार हैं.
कोर्ट ने आदेश दिया कि ARTO को 92 लाख 57 हजार रुपये और सिपाही को 42 लाख 69 हजार रुपये अदा किया जाए. साथ ही याचिका दायर होने के बाद 2019 से साढ़े 7 प्रतिशत ब्याज भी अदा की जाए. धनराशि 70% पत्नी व 10-10% बच्चो को दी जाए.
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