बलरापमुर: बाढ़ पीड़ितों को नहीं मिली मदद, खुद ही पैसे जमा कर राहत सामग्री देने निकले लोग

उत्तर प्रदेश में बाढ़ का सबसे प्रचंड रूप अगर किसी ने देखा है तो वह बलरामपुर (Balrampur News) जिला है. बलरामपुर के शहरी इलाके में…

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उत्तर प्रदेश में बाढ़ का सबसे प्रचंड रूप अगर किसी ने देखा है तो वह बलरामपुर (Balrampur News) जिला है. बलरामपुर के शहरी इलाके में कहर बरपाने के बाद बाढ़ से गांवों में त्राहिमाम मचा हुआ है. ऐसे में जब बलरामपुर के कुछ गांवों में प्रशासन की मदद नहीं पहुंची तो अचलपुरघाट गांव के कुछ लोगों ने एक कमेटी बना ली. गांव के अलाउद्दीन और जमुल्लाह पैसा इक्कठा कर और एक नाव हायर कर निकल पड़े लोगों की मदद करने. अलाउद्दीन और जमुल्लाह ने गांव भर से चंदा इक्कठा किया.

वह बताते हैं कि जब तक बाढ़ रहेगी तब तक हम ऐसे ही नाव में राहत सामग्री भर-भर गांवो में ले जाएंगे और लोगों की मदद करेंगे. उन्होंने बताया कि करीब 35 हजार रुपए की व्यवस्था हो गई थी, जिससे उन्होंने चना, लईया, बिस्कुट और पानी ले लिया और अब भरकर गांवों में नाव हायर कर ले जा रहे हैं.

बता दें कि बलरामपुर में राप्ती नदी खतरे के निशान से लगभग 64 cm ऊपर बह रही है, जिसकी वजह से गांव के गांव चौपट हो गए हैं. हजारों फसलें तो बर्बाद हुई हैं, कई गांवों से संपर्क टूट गए. कच्चे मकान तो बचे ही नही हैं पक्के मकान भी पानी में डूब गए हैं.

गांव की प्रभा और संगीता का परिवार भी इसी बाढ़ में फंस गया है. वे बताती हैं कि एक बार पूड़ी-सब्जी बांट कर कोई पूछने नहीं आया. पिछले 8 दिन से, घर के लिए अगर राशन चाहिए तो इसी पानी से जाते हुए बाहर जाना पड़ता है.

अपने इर्द-गिर्द टायर फंसाए पानी के बीच से निकलते हुए सुशील अपने घर की ओर आ रहे हैं. वह बताते हैं कि जब मदद नहीं होगा तो हमे ही अपना जुगाड़ ढूंढना पड़ेगा, जिससे पानी में इधर उधर जा सके. यहां कोई पूछने नहीं आया की हम हैं भी या पानी में बह गए.

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