ऑल इंडिया इमाम के चीफ उमर अहमद ने इस वीडियो में ऑपरेशन सिंदूर का असली मतलब समझा दिया!

यूपी तक

भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव और हाल ही में हुए ऑपरेशन 'सिंदूर' के बाद देश में एकजुटता और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को लेकर मजबूत आवाजें उठ रही हैं.

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All India Imam Chief Umar Ahmed
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भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव और हाल ही में हुए ऑपरेशन 'सिंदूर' के बाद देश में एकजुटता और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को लेकर मजबूत आवाजें उठ रही हैं. इस बीच अखिल भारतीय इमाम संगठन (AIIO) के प्रमुख इमाम उमर अहमद इलियासी ने 'ऑपरेशन सिंदूर' को पहलगाम आतंकी हमले में शहीद सैनिकों की पत्नियों को श्रद्धांजलि बताते हुए देशवासियों से आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होने की अपील की है. 

अखिल भारतीय इमाम संगठन (AIIO) के प्रमुख इमाम उमर अहमद इलियासी ने भारत-पाकिस्तान संघर्ष पर कहा, "ऑपरेशन सिंदूर उन महिलाओं को श्रद्धांजलि है जिनकी (पहलगाम आतंकी हमले में) मांगे उजड़ गयीं. पाकिस्तान लगातार भारत पर हमले कर रहा है.लेकिन हमने उनकी सभी मिसाइलों को नष्ट कर दिया है. आज जुमे की नमाज के दौरान, हमने देश भर में अपने 5.5 लाख मस्जिदों से पाकिस्तान और उसके द्वारा प्रचारित आतंकवाद की निंदा करने का फैसला किया है. भारत कई वर्षों से पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद से पीड़ित है. भारत ने आतंकी ठिकानों पर हमला करके पाकिस्तान को करारा जवाब दिया है और ऐसे और आतंकी ठिकानों को नष्ट करने की जरूरत है. अब समय आ गया है कि हर भारतीय एकजुट होकर पीएम मोदी द्वारा शुरू की गई आतंकवाद के खिलाफ इस लड़ाई में शामिल हो.

पहलगाम आतंकी हमला

बता दें कि कश्मीर के पहलगाम शहर के निकट सुरम्य पर्यटन स्थल पर आतंकवादियों द्वारा की गई गोलीबारी में 26 लोगों की जान चली गई थी. इसका मुंहतोड़ जवाब देते हुए भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत रात करीब डेढ़ बजे पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में मौजूद 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाते हुए एयरस्ट्राइक की है. यह हमले बहावलपुर, कोटली और मुजफ्फराबाद जैसे इलाकों में किए गए. 

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‘ऑपरेशन सिंदूर’ नाम क्यों रखा गया?

इस कार्रवाई को 'ऑपरेशन सिंदूर' नाम इसलिए दिया गया क्योंकि यह उन महिलाओं के सिंदूर का बदला है, जिनके माथे से उनके सुहाग का नाम मिटा दिया गया. यह नाम उन आंसुओं की पहचान है, जो 15 दिन से बिना रुके बह रहे थे. यह एक श्रद्धांजलि है उन 26 बेकसूरों को, जिनकी जान सिर्फ इसलिए ली गई क्योंकि वे भारतीय थे. भारत ने साफ कर दिया है कि हर आंसू का जवाब होगा और कोई भी बलिदान बेकार नहीं जाएगा.

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