इस बार 9 की बजाय 10 दिन की नवरात्रि! ज्योतिषी शैलेंद्र पांडेय से जानिए घटस्थापना का शुभ मुहूर्त
इस बार नवरात्रि खास है क्योंकि एक तिथि, तृतीया दो दिन के लिए पड़ेगी. यानी देवी के तीसरे स्वरूप की पूजा लगातार दो दिनों तक की जाएगी. इसी वजह से इस साल नवरात्रि नौ दिन के बजाय कुल 10 दिन चलेगी.
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ज्योतिषी पंडित शैलेंद्र पांडेय बताते हैं कि नवरात्रि, तिथियों के हिसाब से मनाई जाती है, न कि सिर्फ कैलेंडर डेट्स के अनुसार. इसकी गणना सूर्य और चंद्रमा की स्थिति पर आधारित होगी.

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आश्विन शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से लेकर नवमी तिथि तक शारदीय नवरात्रि मनाते हैं. तिथियां सूर्य-चंद्रमा के डिग्री अंतर से बदलती हैं.

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जब सूर्य और चंद्रमा के बीच 12 डिग्री या उससे ज्यादा का अंतर बनता है, तभी नई तिथि शुरू होती है. इस गणना से ही त्योहारों की तिथियां तय होती हैं.

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इस बार नवरात्रि खास है क्योंकि एक तिथि, तृतीया दो दिन के लिए पड़ेगी. यानी देवी के तीसरे स्वरूप की पूजा लगातार दो दिनों तक की जाएगी.

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इसी वजह से इस साल नवरात्रि नौ दिन के बजाय कुल 10 दिन चलेगी. हालांकि, मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की ही उपासना होगी.

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देवी का तीसरा स्वरूप दो दिन पूजित होगा, लेकिन स्वरूप पूरे नवरात्रि में सिर्फ नौ ही रहेंगे. कोई अतिरिक्त स्वरूप नहीं जोड़ा जाएगा.

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जो लोग नवरात्रि में पूरे नौ दिन पूजा या साधना करते हैं, उनके लिए घटस्थापना का सही मुहूर्त बहुत अहम है.

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घटस्थापना प्रतिपदा तिथि यानी नवरात्रि के पहले दिन की जाती है. इसी दिन देवी का कलश स्थापित करना सबसे शुभ माना गया है.

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कलश स्थापित करते समय उसमें शुद्ध जल भरें, जल में एक सिक्का डाल दें. कलश के मुख पर मौली बांधें और ऊपर नारियल रख दें.

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कलश के पास घी का दीपक जलाना जरूरी है. यह पवित्रता, उजाला और शुभता का प्रतीक है. पूजा में सावधानी और श्रद्धा रखनी चाहिए, तभी नवरात्रि में पूरी तरह शुभता प्राप्त होती है.