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संघर्ष से भरी है टैक्सी ड्राइवर के बेटे की कहानी... NDA पासिंग आउट परेड में दीपक कांडपाल को मिली ये सफलता

निष्ठा ब्रत

उत्तराखंड के बागेश्वर के दीपक कांडपाल ने NDA के 149वें कोर्स की पासिंग आउट परेड में गोल्ड मेडल जीतकर जिले का नाम रोशन किया. उन्होंने बागेश्वर में प्रारंभिक शिक्षा पूरी की और जवाहर नवोदय विद्यालय, गाग्रियगोल से कक्षा 12 में पहला स्थान हासिल किया.

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उत्तराखंड के बागेश्वर के टैक्सी ड्राइवर के बेटे, दीपक कांडपाल ने पुणे के खड़कवासला स्थित खेतरपाल परेड ग्राउंड में NDA के 149वें कोर्स की पासिंग आउट परेड में अच्छा प्रदर्शन कर गोल्ड मेडल जीता. 
 

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यह उपलब्धि न केवल दीपक के लिए बल्कि उनके पूरे परिवार और जिले के लिए गर्व का क्षण है. दीपक की मेहनत और लगन का परिणाम है कि उन्होंने सेना की तैयारी के साथ-साथ अपनी शैक्षणिक योग्यताओं में भी अच्छा प्रदर्शन किया. 
 

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दीपक ने अपनी प्रारंभिक पढ़ाई बागेश्वर में की और इसके बाद जवाहर नवोदय विद्यालय, गाग्रियगोल में पढ़ाई की. यहां उन्होंने कक्षा 12 में अपने जिले में पहला स्थान हासिल किया था. 
 

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इसके बाद उन्होंने दिल्ली जाकर उच्च शिक्षा के साथ NDA की तैयारी भी की. बता दें कि दीपक को साल 2022 में NDA में प्रवेश मिला था. 
 

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इस साल कुल 328 कैडेट्स NDA से पास आउट हुए हैं. पासिंग आउट परेड की कमान कैडेट सिद्धार्थ सिंह ने संभाली. इसके एक दिन पहले दीक्षांत समारोह में कैडेट्स को उनकी शैक्षणिक डिग्रियां प्रदान की गईं.
 

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पास आउट हुए 216 कैडेट्स ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से बैचलर डिग्री ली है.  इसमें 72 कैडेट्स साइंस, 92 कैडेट्स कंप्यूटर साइंस और 52 कैडेट्स आर्ट्स ब्रांच से थे. इसके अलावा, 18 कैडेट्स अन्य देशों से शामिल हुए.
 

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NDA ने 112 नौसेना और वायु सेना के BTech कैडेट्स को तीन वर्षीय शैक्षणिक कार्यक्रम पूरा करने के प्रमाणपत्र दिए. इन कैडेट्स की BTech डिग्रियां संबंधित अकादमियों, भारतीय नौसेना अकादमी, एजीमाला और एयर फोर्स अकादमी, हैदराबादमें एक वर्ष का विशेष प्रशिक्षण पूरा करने के बाद प्रदान की जाएंगी. 
 

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परेड में नौसेना प्रमुख एडमिरल त्रिपाठी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित हुए. उन्होंने सशस्त्र बलों में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी को उजागर किया और कैडेट्स से कहा कि “अपने कर्तव्य पर ध्यान दें, पुरस्कार पर नहीं. पुरस्कार आपकी क्षमता और समर्पण को दर्शाते हैं.” यह NDA से पास आउट होने वाली महिलाओं की दूसरी बैच है. पहली बैच की महिला कैडेट्स एक साल पहले पास आउट हुई थीं. 

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