विधायकी रद्द होने का मामला: आजम के राजनीतिक भविष्य पर फैसला 10 को, जानें SC ने क्या कहा?

संजय शर्मा

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सपा के वरिष्ठ नेता आजम खान (Azam Khan) की विधायकी रद्द होने और रामपुर विधानसभा में चुनाव की घोषणा के खिलाफ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और वकील पी. चिदंबरम के आवेदन पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. शीर्ष अदालत ने रामपुर के एमपी एमएलए कोर्ट के लिए एडिशनल सेशन जज को आदेश दिया कि आजम खान को दी गई तीन साल की सजा जिस दोष सिद्धि के आधार पर दी गई है उसके खिलाफ अपील पर कल यानी गुरुवार को ही सुनवाई हो. मामले में अदालत गुरुवार को ही निर्णय दे.

सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा कि अदालत में निर्णय आने के बाद उसके मुताबिक निर्वाचन आयोग 11 नवंबर या उसके बाद समुचित नोटिफिकेशन जारी कर सकता है. सुनवाई के दौरान आजम खान के वकील पी. चिदंबरम ने कहा कि आजम खान को जमानत मिल गई है. अदालत में 16 नवंबर को उनकी दोषसिद्धि की अपील पर सुनवाई होनी है. इस दलील पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम सेशन कोर्ट से कहेंगे कि कल ही दोषसिद्धि पर फैसला कर लें तब तक चुनाव आयोग नोटिफिकेशन पर रोक लगा दे. अगर सेशन कोर्ट दोषसिद्धि पर रोक नहीं लगाता है तो अगले दिन ही चुनाव आयोग नोटिफिकेशन जारी कर दे.

हालांकि बहस के दौरान अरविंद दातार ने चुनाव आयोग की तरफ से कहा कि संवैधानिक वजहों से निर्वाचन प्रक्रिया को टाला नहीं जा सकता वर्ना पूरी प्रक्रिया गड़बड़ हो जाएगी. जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि अगर दोष सिद्धि के निर्णय को रोक दिया गया तो अयोग्यता की कार्यवाही भी रद्द हो जाएगी. दातार ने कहा कि अगर दोष सिद्धि को रोककर उनको चुनाव लड़ने दिया जाय, लेकिन जब बाद में कोर्ट में अपील रद्द हो जाए तो?

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बहस के दौरान आजम खान के वकील पी चिदंबरम (P. Chidambaram) ने अदालत में कहा कि निचली अदालत के फैसले के बाद अगले ही दिन सीट खाली घोषित कर दी गई और 10 नवंबर को उप चुनाव की प्रक्रिया की तारीख तय कर दी गई, जबकि एक विधायक को सजा 11 अक्टूबर को हुई थी और उसकी सदस्यता कल रद्द की गई.

इधर चुनाव आयोग ने कहा कि नामांकन 17 नवंबर को शुरू होंगे. तब तक आजम खान के पास पर्याप्त समय है, हाईकोर्ट जाने का. चुनाव आयोग ने कहा कि आजम खान हाईकोर्ट जाएं और वहां सजा पर रोक लगाने की मांग करें. तब अयोग्यता पर भी रोक लग जाएगी. आजम खान के वकील पी. चिदंबरम ने कहा कि अयोग्यता पर रोक नहीं लगेगी. ऐसी स्थिति में सीट खाली ही रहेगी.

पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार, चुनाव आयोग और विधानसभा सेक्रेटरी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था. अरविंद दातार ने चुनाव आयोग की तरफ से कहा कि आयोग ने 2015 में सभी राज्यों को सर्कुलर जारी कर कहा था कि सीट खाली होते ही तुरंत चुनाव प्रक्रिया शुरू की जाए.

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सुनवाई के दौरान सीजेआई ने कहा कि अयोग्यता दोषसिद्धि की वजह से है. एक बार दोषसिद्धि पर रोक लगने के बाद सभी प्रक्रिया थम जाएगी. आपने 5 नवंबर को नोटिस जारी की है. प्रक्रिया 10 नवंबर से शुरू होगी. दातार ने कहा कि यह एक प्रेस विज्ञप्ति है, अधिसूचना नहीं. सीजेआई ने कहा कि इन मामलों का व्यापक प्रभाव होता है. 3 दिनों के लिए रुकें, उन्हें समय दें.

दातार ने कहा कि चुनाव आयोग ने कहा कि जैसे ही दोषसिद्धि (सजा) होती है आपको तुरंत बताना होगा. चुनाव आयोग की ओर से अरविंद दत्तार ने कहा कि नामांकन 17 नवंबर से शुरू होंगे. 27 अक्टूबर को दोषी ठहराए जाने से लेकर 9 नवंबर तक आजम खान के पास पूरा वक़्त था, लेकिन उन्होंने इस बीच भी निचली अदालत के फैसले के खिलाफ अपील दायर नहीं की.

सीजेआई ने पूछा कि क्या हरेक मामले में अगले दिन अयोग्यता करार दे दी जाती है और फिर उपचुनाव की प्रक्रिया में आगे बढ़ा जाता है.

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