असद को अंतिम विदाई देने बुर्का में पहुंची महिला को पुलिस ने घेरा, तब पता चली ये सच्चाई

कुमार अभिषेक

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माफिया अतीक अहमद के बेटे असद अहमद (Asad Ahmed Encounter) और शूटर गुलाम के शव को सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया है. असद का शव प्रयागराज के कसारी-मसारी कब्रिस्तान में सुपुर्द ए खाक किया गया. पिता अतीक अहमद और मां शाइस्ता परवीन को बेटे को अंतिम बार देखना भी नसीब नहीं हुआ. वहीं असद के जनाजे में पहुंची एक बुर्के वाली महिला को लेकर काफी बवाल हुआ. हांलाकि बाद में उसकी सच्चाई सामने आई कि वो कौन है.

असद को अंतिम विदाई देने बुर्का में पहुंची महिला

बता दें कि असद के जनाजे (Asad Last Rites) में पहुंची बुर्के वाली महिला अतीक सबसे की बड़ी बहन शाहीन थी. असद के जनाजे में शाहीन, अपनी बेटी और तीन रिश्तेदारों के साथ पहुंची थी. असद की मां शाइस्ता परवीन भी असद के शव को आखिरी बार नहीं देख पाई क्योंकि वो फरार चल रही है और उसके ऊपर पुलिस ने 50 हजार का इनाम घोषित है. ऐसे कयास लगाए जा रहा था कि असद के जनाजे में शाइस्ता पहुंच सकती हैं.

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वहीं अतीक ने भी कोर्ट से असद के जनाजे में शामिल होने की गुहार लगाई थी और उसकी याचिका पर आज ही सुनवाई होनी थी. असद और गुलाम के शवों को पोस्टमॉर्टम के करीब 24 घंटे बाद रिश्तेदारों को सौंपा गया था. पुलिस की निगरानी में दोनों के शव झांसी से प्रयागराज के चकिया इलाके में पहुंचाए गए. जिस कब्रिस्तान में असद को दफनाया गया है, उसी में अतीक के पिता हाजी फ़िरोज़ अहमद और उसकी मां की भी कब्र है.

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