मंत्री सचान शस्त्र अधिनियम के मामले में दोषी करार, ‘जमानत मुचलका भरे बिना अदालत से निकले’

रंजय सिंह

• 02:57 AM • 07 Aug 2022

कानपुर की एक अदालत ने शनिवार को उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री राकेश सचान को शस्त्र अधिनियम के तीन दशक से अधिक पुराने मामले में…

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कानपुर की एक अदालत ने शनिवार को उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री राकेश सचान को शस्त्र अधिनियम के तीन दशक से अधिक पुराने मामले में दोषी ठहराया, जिसके बाद विधायक ‘‘जमानत मुचलका’’ भरे बिना अदालत कक्ष से ‘‘गायब’’ हो गए. मंत्री ने हालांकि, अदालत से गायब होने के आरोपों का खंडन किया है. उनका दावा है कि ‘‘मामला अंतिम फैसले के लिए सूचीबद्ध नहीं था.’’

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अभियोजन अधिकारी (पीओ) ऋचा गुप्ता ने बताया कि अदालत ने जब उन्हें दोषी ठहराया और बचाव पक्ष को सजा पर बहस शुरू करने को कहा, तब सचान वहां से चले गए. गुप्ता ने बताया कि सचान ‘‘जमानत मुचलका भरे बिना’’ अदालत से चले गए और उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी.

पुलिस आयुक्त बी पी जोगदंड ने पुष्टि की है कि सचान के खिलाफ लिखित शिकायत मिली है. हालांकि, वह प्राथमिकी में बताए गए आरोपों के बारे में विस्तार से बताने में विफल रहे और दावा किया कि उन्होंने अब तक व्यक्तिगत रूप से प्राथमिकी की सामग्री को नहीं देखा है.

ऋचा ने बताया कि तत्कालीन थाना प्रभारी ब्रजमोहन उडनिया ने 1991 में राकेश सचान से एक हथियार बरामद किया था और वैध हथियार लाइसेंस पेश करने में विफल रहने के बाद उनके खिलाफ सशस्त्र अधिनियम का मामला दर्ज किया गया था.

एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि सचान को अदालत ने दोषसिद्धि आदेश की प्रति हस्ताक्षर करने के लिए दी गई थी, जिसे लेकर वह ‘फरार’ हो गए. उन्होंने कहा कि मंत्री के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का निर्णय वरिष्ठ न्यायिक सहयोगियों के साथ मैराथन बैठक के बाद लिया गया था, क्योंकि उनका मानना था कि बिना कार्रवाई के उन्हें छोड़ देने से पीठासीन अधिकारी को परेशानी हो सकती है.

कानपुर देहात जिले में मीडियाकर्मियों से बातचीत करते हुए राकेश सचान ने गुपचुप तरीके से अदालत कक्ष छोड़ने के आरोपों से इनकार किया. उन्होंने स्वीकार किया कि वह अदालत गये थे, लेकिन अंतिम फैसले के लिए कोई मामला सूचीबद्ध नहीं था. उन्होंने कहा कि उनके वकील ने अदालत में व्यक्तिगत रूप से पेश होने की छूट देने के लिए अर्जी दी है. मंत्री ने कहा कि वह अदालत के फैसले का सम्मान करेंगे.

गौरतलब है कि सचान ने 90 के दशक की शुरुआत में समाजवादी पार्टी के साथ राजनीति में प्रवेश किया था. 1993 और 2002 में वह घाटमपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए थे जबकि 2009 में उन्होंने फतेहपुर लोकसभा सीट से कांग्रेस पार्टी से चुनाव जीता था.

सचान वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे. 2022 में कानपुर देहात की भोगनीपुर विधानसभा सीट से निर्वाचित होने के बाद योगी सरकार में मंत्री बने.

(भाषा के इनपुट्स के साथ)

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