फिरोजाबाद: बहन के इलाज के लिए अफसर की गाड़ी के सामने लेटी लड़की, फिर भी नहीं बच पाई जान

उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद में डेंगू और वायरल बुखार का कहर जारी है. इस बीच वहां से मानवीय संवेदनाओं को झकझोंर करने वाली तस्वीरें सामने…

सुधीर शर्मा

• 06:13 AM • 14 Sep 2021

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उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद में डेंगू और वायरल बुखार का कहर जारी है. इस बीच वहां से मानवीय संवेदनाओं को झकझोंर करने वाली तस्वीरें सामने आ रही हैं. ऐसी ही एक तस्वीर 100 शैय्या हॉस्पिटल के बाहर से आई है, जहां एक लड़की अपनी छोटी बहन की जान बचाने की गुहार लगाते हुए आगरा मंडल आयुक्त की गाड़ी के सामने लेट गई. हालांकि, बहन की जान नहीं बच पाई.

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दरअसल, 20 वर्षीय निकिता कुशवाहा की छोटी बहन वैष्णवी कुशवाहा (उम्र 11 साल) को फिरोजाबाद के 100 शैय्या हॉस्पिटल में भर्ती हैं. यहां छोटी बहन का पिछले 5 दिनों से इलाज चल रहा है. 13 सितंबर की शाम को आगरा मंडल आयुक्त अमित गुप्ता और जिलाधिकारी चंद्र विजय सिंह अस्पताल में निरीक्षण पहुंचे थे. निरीक्षण करने के बाद जब मंडलायुक्त अमित गुप्ता जैसे ही गाड़ी में जाने को बैठे ही थे उनकी गाड़ी के सामने निकिता लेट गई और बहन का ठीक से इलाज कराने की गुहार लगाने लगी.

निकिता ने आरोप लगाया कि मेडिकल कॉलेज में भर्ती उसकी बहन का इलाज सही तरह से नहीं किया जा रहा है, जिससे उसकी हालत बिगड़ रही है. बड़ी मुश्किल से जिलाधिकारी ने निकिता को मंडल आयुक्त की गाड़ी के सामने से हटाया और उसे हॉस्पिटल में ले जाकर उसकी बहन की इलाज की रिपोर्ट के बारे में बताया.

निकिता ने मेडिकल कॉलेज के सामने पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी में जमकर डॉक्टर और स्वास्थ्य महकमे को खरी-खोटी सुनाई. वह बार-बार आरोप लगाई कि उसकी बहन का इलाज ढंग से नहीं किया जा रहा है अगर उसकी बहन को कुछ हो गया तो वह मुख्यमंत्री तक चली जाएगी. हालांकि, इस दौरान उसकी 11 साल की बहन की मेडिकल कॉलेज में ही मौत हो चुकी थी.

निकिता कुशवाहा ने रोते-रोते बताया, “उसकी बहन 100 शैय्या हॉस्पिटल में 5 दिन से भर्ती हैं. उसका इलाज ठीक से नहीं किया जा रहा है. अगर बहन को कुछ हो गया तो वह किसी को नहीं छोड़ेगी.”

इस लड़की की बहन को यहां गंभीर की अवस्था में लाया गया था. बहुत प्रयास के बाद भी उसे नहीं बचाया जा सका.

डॉक्टर संगीता अनेजा, प्रचार्या, फिरोजाबाद मेडिकल कॉलेज

बता दें कि फिरोजाबाद में डेंगू और वायरल बुखार से अभी तक 58 की मौत हो चुकी है. 400 से ज्यादा बच्चे मेडिकल कॉलेज में भर्ती हैं और व्यस्क वार्ड में 100 से अधिक वायरल बुखार से पीड़ित लोग भर्ती हैं.

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