दोमुहा सांपों का 50 लाख में सौदा, वन विभाग ने जाल बिछाकर ऐसे तीन तस्करों को किया गिरफ्तार

संजीव शर्मा

• 01:52 PM • 02 Apr 2023

उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले में वन विभाग की टीम ने 3 ऐसे तस्करों को गिरफ्तार किया है, जो दुर्लभ प्रजाति के रेड सैंड बोआ…

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उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले में वन विभाग की टीम ने 3 ऐसे तस्करों को गिरफ्तार किया है, जो दुर्लभ प्रजाति के रेड सैंड बोआ (दो मूंह वाले) दो सांपों को बेचने के फिराक में थे.

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इन तस्करों को पकड़ने के लिए वन विभाग की टीम ने लंबा जाल बिछाया और 50 लाख रुपये में सांप खरीदने का सौदा तय किया. जब यह तस्कर सांप बेचने के लिए आए तो वन विभाग की टीम ने इनको दोनों सांपों के साथ गिरफ्तार कर लिया. तीनों को स्योहारा मुरादाबाद रोड पर स्थित एक स्थान से गिरफ्तार किया गया है. इनके खिलाफ तस्करी के साथ-साथ वन्य जीव अधिनियम के तहत रिपोर्ट दरकर वन विभाग इन्हें जेल भेजने की तैयारी कर रहा है.

बिजनौर वन विभाग के एसडीओ ज्ञान सिंह के अनुसार, रेड सैंड बोआ सांप दुर्लभ प्रजाति के सांप होते हैं. इनका बिजनौर के जंगलों में मिलना बहुत ही दुर्लभ बात है. यह बहुत ही मुश्किल से पाए जाते हैं और इनकी बड़े पैमाने पर महाराष्ट्र में तस्करी होती है. यह करोड़ों रुपये की कीमत में बिकते हैं.

एसडीओ ज्ञान सिंह ने बताया कि बिजनौर वन विभाग की टीम को जब इन तीनों तस्करों के द्वारा रेड सैंड बोआ सांपों की बेचने की जानकारी मिली तो वन विभाग की टीम ने पूरा जाल बिछाया. यह तीनों तस्कर जिसमें नूर, हसन और चांद बाबू भोजपुर मुरादाबाद का रहने वाला है और दूसरा मोहर्रम अली गांव सदाफल बिजनौर का रहने वाला है. इनमें अपने कर्मचारी वन रेंजर विकास कुमार वरुण, वनरक्षक प्रवीण सिरोही और उसके साथी सौरभ कुमार को ही खरीदार बनाकर इनसे सौदेबाजी की और कई दिन तक सौदेबाजी का मामला चलता रहा. तब जाकर इनका ₹5000000 में सौदा हुआ. जिसके बाद तीनों तस्कर इन लोगों को सांप के बदले पैसे लेने के लिए तैयार हुए.

उन्होंने बताया कि टीम ने इनको जब इनको अपने बताए स्थान पर बुलाया तो यह इतने चौकस थे कि उन्होंने उस स्थान पर आने से मना कर दिया और दो बार इन्होंने स्थान परिवर्तन किया. उसके बाद कल यह दोनों स्योहारा मुरादाबाद रोड पर सांप देकर पैसे लेने के लिए आए थे. उसी दौरान वन विभाग की टीम ने घेराबंदी करते हुए इन तीनों तस्करों को पकड़ लिया और इनके पास से यह सांप भी बरामद किए गए.

एसडीओ ने बताया कि वन विभाग की टीम इनको लेकर बिजनौर ऑफिस आई और उसके बाद इनसे पूरे पूछताछ में पता चला कि यह दोनों पहले से ही सांप की तस्करी करते हैं और इनको ले जाकर महाराष्ट्र और अन्य स्थानों पर बेच देते हैं, जहां पर इनकी भारी कीमत मिलती है. यह दुर्लभ प्रजाति के सांपों का शक्ति वर्धक दवा में इस्तेमाल किया जाता है और इनकी करोड़ों में कीमत लगाई जाती है. इनके साथ और कौन-कौन लोग हैं, उनके बारे में पता लगाया जा रहा है.

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