UP में क्या किसी किसान आंदोलन की जरूरत है? ये चुनाव आंदोलन है: केशव प्रसाद मौर्य

यूपी तक

• 11:26 AM • 19 Sep 2021

उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक पार्टियां अलग-अलग वर्गों को साधने की कोशिश में जुटी हैं. इसी क्रम में…

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उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक पार्टियां अलग-अलग वर्गों को साधने की कोशिश में जुटी हैं. इसी क्रम में प्रदेश में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने अयोध्या में पिछड़ा वर्ग कार्य समिति की बैठक की है.

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इस दौरान यूपी के डिप्टी सीएम और बीजेपी नेता केशव प्रसाद मौर्य 19 सितंबर को विपक्षी दलों पर जमकर बरसे. उन्होंने कहा, “आज कल सभी विरोधियों को पिछड़ों की चिंता होने लगी है. अखिलेश यादव जी और बहन मायावती जी मुझे याद है कि जब आप लोगों की बहुमत सरकार की बनी थी तो आप लोगों ने कितनी पिछड़ों की चिंता की थी. यह बात मुझे भी पता है और यूपी की जनता को भी.”

डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा,

देश के प्रधानमंत्री पद की शपथ लेकर दुनिया में सभी शासकों से अच्छा शासन चलाने वाले शासक पिछड़े वर्ग से आते हैं. बीजेपी में माननीय नरेंद्र मोदी जी हैं. क्या वो देश के पीएम बन सकते थे अगर वो बीजेपी में नहीं होते?

केशव प्रसाद मौर्य , डिप्टी सीएम, यूपी

उन्होंने कहा कि पिछड़े वर्ग के लोगों को ध्यान रखना चाहिए कि एक-एक वोट कमल के फूल पर पड़े, इस लक्ष्य को लेकर यहां से जाइए.

इसके अलावा केशव प्रसाद मौर्य ने कहा, “यूपी में क्या किसी किसान आंदोलन की जरूरत है? मुझे पता है ये किसान आंदोलन नहीं है, ये चुनाव आंदोलन है. जिस आंदोलन के पीछे सपा-बसपा- कांग्रेस समेत तमाम विरोधी दल और उसके नेता लगे हुए हैं, उस आंदोलन का किसान पहले भी हमारे साथ था और आज भी है. जिनकी दलाली बंद हो गई है वे नाराज हैं.”

यूपी के डिप्टी सीएम ने कहा, “मुझे पता है जब देश और प्रदेश में अपनी सरकार है तो लोगों की अपेक्षाएं अधिक होती हैं. हो सकता है कोई अपेक्षा पूरी नहीं हुई हो, लेकिन हम लड़ाई को 2022 में 300 से अधिक सीटें जीतकर फिर लड़ लेंगे. लेकिन इस बीच में अगर कोई दूध में नींबू निचोड़ने का काम करेगा तो उसे नींबू नहीं निचोड़ने देंगे. हम दूध में चीनी मिलाकर मिठास बढ़ाने का काम करेंगे.”

डिप्टी सीएम ने कहा, “यह लड़ाई केवल सपा-बसपा-कांग्रेस की तिकड़ी से नहीं है, तमाम छुटभैये जो यूपी में घूम रहे हैं, ये लड़ाई उनसे नहीं है. यह लड़ाई केवल फिर से यूपी में सरकार बनाने की नहीं है. यह सारी साजिश 2024 में पीएम मोदी को फिर से प्रधानमंत्री नहीं बनाने की है.”

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