एंबुलेंस वाले सांसद…जानिए चौधरी कवर सिंह तंवर को, जिन्हें तीसरी बार मिला अमरोहा से BJP टिकट

बीएस आर्य

03 Mar 2024 (अपडेटेड: 03 Mar 2024, 10:21 AM)

भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश की 51 सीटों पर अपने उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है. भाजपा ने अमरोहा लोकसभा सीट से लगातार तीसरी बार चौधरी कंवर सिंह तंवर को टिकट दिया है.

पीएम मोदी के साथ चौधरी कंवर सिंह तंवर

Amroha

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UP News: भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश की 51 सीटों पर अपने उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है. भाजपा ने अमरोहा लोकसभा सीट से लगातार तीसरी बार चौधरी कंवर सिंह तंवर को टिकट दिया है. साल 2014 लोकसभा चुनाव में कंवर सिंह तंवर ने बड़ी जीत हासिल की थी. मगर साल 2019 में उन्हें करीबी हार का सामना करना पड़ा था. ऐसे में एक बार फिर भाजपा ने उन्हें ही टिकट दिया है. राजनीति में ऐसा बहुत कम देखने को मिलता है कि कोई पार्टी पहले जीत फिर हार के बाद भी तीसरी बार एक ही चेहरे पर दांव लगाए. मगर भाजपा ने अमरोहा लोकसभा सीट से फिर एक बार चौधरी कंवर सिंह तंवर को मैदान में उतार दिया है, जिससे अंदाजा लयाजा जा सकता है कि पार्टी में उनका कद क्या है.

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बता दें कि चौधरी कंवर सिंह तंवर समाजसेवी भी हैं. मगर उनकी एक पहचान ओर है. दरअसल चौधरी कंवर सिंह तंवर की गिनती अरबपतियों में की जाती है. बता दें कि अमरोहा लोकसभा से कई भाजपा नेता टिकट की दावेदारी पेश कर रहे थे. मगर चौधरी कंवर सिंह तंवर ने सभी को पछाड़ते हुए टिकट हासिल कर ही लिया.  

पहले कांग्रेस का पंजा थामे रहे थे 

साल 2012 में अमरोहा लोकसभा क्षेत्र में चौधरी कंवर सिंह तंवर ने अपनी पहचान बनानी शुरू की. उन्होंने क्षेत्र में अपनी पहचान एक समाजसेवी के तौर पर बनाई. शुरू में वह कांग्रेस में रहे. बाबा रामदेव के भी वह करीबी रहे. कहा जाता है कि बाबा रामदेव ही उन्हें भाजपा में लेकर आए और साल 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्हें भाजपा ने टिकट दे दिया.

एंबुलेंस वाला सांसद बनी पहचान

साल 2014 में क्षेत्र की जनता चौधरी कंवर सिंह तंवर को एंबुलेंस वाला नेता के तौर पर जानती थी. चुनाव जीतने के बाद क्षेत्र की जनता उन्हें एंबुलेंस वाला सांसद कहने लगी. दरअसल 2012 से ही अमरोहा लोकसभा क्षेत्र में चौधरी कंवर सिंह तंवर ने मुफ्त एंबुलेंस सेवा चला रखी थी. इन एंबुलेंस के माध्यम से घर बैठे ही जनता का इलाज भी किया जा रहा था. ऐसे में गांव-गांव तक चौधरी कंवर सिंह तंवर तक पहुंच और पहचान बन गई थी. इसी के साथ तमाम समाजसेवा के कार्यों में भी चौधरी कंवर सिंह तंवर लगे रहे.

सपा नेता की पत्नी को हराकर बने सांसद

साल 2014 में चौधरी कंवर सिंह तंवर का मुकाबला समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता कमाल अख्तर की पत्नी हुमैरा अख्तर से हुआ. उन्होंने हुमैरा अख्तर को हराकर जीत हासिल की. चौधरी कंवर सिंह तंवर ने सारे सियासी कयासों को गलत साबित करके हुए अमरोहा लोकसभा में भाजपा का परचम लहराया था.

2019 में मिली हार

2019 में एक बार फिर भाजपा ने कंवर सिंह तंवर को अमरोहा लोकसभा से कमल खिलाने की जिम्मेदारी दे दी. मगर इस बार गठबंधन प्रत्याशी दानिश अली ने कंवर सिंह तंवर को हरा दिया. मगर इस दौरान भी चौधरी कंवर सिंह तंवर ने चुनाव में दानिश अली को कढ़ी टक्कर दी. ऐसे में एक बार भाजपा ने  कंवर सिंह तंवर पर ही भरोसा जताया है और टिकट दिया है.

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