अखिलेश ने 2024 में कन्नौज से चुनाव लड़ने का दिया संकेत तो BJP ने शुरू किया ‘ऑपरेशन करहल’

शिल्पी सेन

• 10:28 AM • 26 Nov 2022

उत्तर प्रदेश के मैनपुरी में सिर्फ लोकसभा का उपचुनाव नहीं हो रहा है, बल्कि 2024 में लोकसभा के आम चुनाव की बिसात पर मोहरे भी…

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उत्तर प्रदेश के मैनपुरी में सिर्फ लोकसभा का उपचुनाव नहीं हो रहा है, बल्कि 2024 में लोकसभा के आम चुनाव की बिसात पर मोहरे भी सजाए जा रहे हैं. यूपी में मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के अध्यक्षस अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने कन्नौज से लोकसभा चुनाव लड़ने का संकेत क्या किया, भाजपा ने न सिर्फ न उस बयान को लपक लिया है बल्कि ‘ऑपरेशन करहल’ भी शुरू कर दिया है. मैनपुरी के उपचुनाव में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपनी पहली रैली करहल में करके इसका संदेश देंगे.

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कन्नौज से चुनाव लड़ने का अखिलेश यादव ने दिया था संकेत, बीजेपी ने शुरू किया ‘ऑपरेशन करहल’

यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) के मैनपुरी में प्रचार की रूपरेखा तैयार हो रही थी कि अखिलेश यादव अपने विधानसभा क्षेत्र में एक बयान देकर बात को दिशा दी. अखिलेश यादव ने कन्नौज से लोकसभा चुनाव लड़ने का संकेत दिया. साथ ही प्रचार के दौरान ये भी कहा कि ‘करहल से कितने वोट मिलेंगे ये सब देखेंगे.’

अखिलेश यादव ने अपने क्षेत्र के लोगों का उत्साह बढ़ाने के लिए ये भी कह दिया कि ‘कितने वोट मिलेंगे ये कोई देखे न देखे योगी जी देखेंगे.’ वैसे तो समाजवादी पार्टी अध्यक्ष का उद्देश्य अपने कार्यकर्ताओं और मतदाताओं का उत्साह बढ़ाना था लेकिन बीजेपी के रणनीतिकारों ने इस मौके को लपक लिया.

बीजेपी ने यूपी के मुख्यमंत्री की जनसभा अखिलेश यादव के विधानसभा क्षेत्र में तय कर दी. करहल विधानसभा मैनपुरी लोकसभा का हिस्सा है और अखिलेश यादव फिलहाल इसी विधानसभा सीट से विधायक है. लिहाजा, भाजपा अखिलेश यादव को करहल विधानसभा में घेरने की रणनीति को अंतिम रूप दे रही है. उसकी रणनीति का ही ये हिस्सा है कि सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहली चुनावी जनसभा करहल विधानसभा में रखी गई है.

सपा के संस्थापक और फिर संरक्षक रहे मुलायम सिंह यादव ने संसद में प्रवेश के लिए मैनपुरी संसदीय सीट से चुनावी किस्मत आजमाने का फैसला किया था और उस क्षेत्र की जनता ने उन्हें कभी निराश नहीं किया. वह जब भी लड़े उन्हें कामयाबी मिली. इस सीट से मुलायम ने जिसे भी चुनाव लड़ाया, वह विजयी रहा है.

यादव लैंड के रूप से मशहूर मैनपुरी संसदीय सीट में करहल, जसवंतनगर, भोगांव, किश्नी और मैनपुरी विधानसभा क्षेत्र हैं. करहल से अखिलेश यादव और जसवंतनगर से उनके चाचा शिवपाल यादव विधायक हैं.

करहल में प्रचार कर रहे शिवपाल सिंह यादव का कहना है कि ‘उन्होंने करहल के लोगों से ये अपील की है कि डिम्पल के लिए सबसे ज्यादा वोट करहल से ही मिलने चाहिए.’

मुलायम सिंह के निधन से रिक्त हुई मैनपुरी लोकसभा सीट पर उनकी बहू डिंपल यादव प्रत्याशी हैं जिनके लिए उनके पति व सपा प्रमुख अखिलेश यादव, और अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल यादव पुरजोर प्रयास कर रहे हैं.

चुनाव प्रचार के दौरान ही अखिलेश यादव ने अचानक ये संकेत दिया है कि वह 2024 के लोकसभा चुनाव में अपनी पुरानी संसदीय सीट कन्नौज से लोकसभा का चुनाव लड़ेंगे. भाजपा ने उनके इसी संकेत को सामने रखकर पहले मैनपुरी में ही उनकी पत्नी और सपा प्रत्याशी डिंपल यादव को घेरने की रणनीति को अमली जामा पहनाना शुरू कर दिया.

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जनसभा भी करहल में निर्धारित की है. 28 नवम्बर को होने वाली इस जनसभा के जरिए भाजपा यह संदेश देने का प्रयास कर रही है कि सपा मुखिया अखिलेश यादव कभी भी किसी क्षेत्र की जनता की स्थायी नुमाइंदगी नहीं करते हैं. पहले उन्होने कन्नौज संसदीय क्षेत्र छोड़ा और आजमगढ़ चुनाव लड़ने चले गए. फिर 2022 में आजमगढ़ संसदीय सीट से इस्तीफा देकर करहल विधानसभा सीट का चुनाव लड़ने पहुंच गए और अब फिर करहल विधानसभा छोड़कर फिर से कन्नौज संसदीय सीट से चुनाव लड़ने का संकेत दे रहे हैं.

सूत्रों का कहना है कि भाजपा करहल की जनता को यह बताने की रणनीति पर काम कर रही है, ताकि इस सीट के मतदाताओं में सपा मुखिया के रुख को लेकर असमंजस पैदा हो.

दरअसल, मैनपुरी संसदीय उपचुनाव के जरिये भाजपा 2024 की रणनीति पर काम कर रही है, क्योंकि तब तक मुलायम सिंह यादव के निधन से उपजी सहानुभूति भी खत्म हो जाएगी और यह संदेश भी स्थापित हो जा जाएगा कि अखिलेश यादव उनका प्रतिनिधित्व करने को तैयार नहीं है. वैसे 28 नवम्बर को करहल में होने वाली मुख्यमंत्री आदित्यनाथ की जनसभा से काफी कुछ तस्वीर साफ होगी.

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