आजम खान (Azam Khan News), उनकी पत्नी तंजीम फातिमा और बेटे अब्दुल्ला आजम खान रामपुर की जेल में बंद हैं. बता दें कि एमपी-एमएलए कोर्ट द्वारा 7 साल की सजा मिलने पर आजम खान को पत्नी और बेटे समेत कल यानी बुधवार को ही रामपुर जेल में बंद कर दिया गया था. ऐसे में लोगों के मन में सवाल था कि आखिर रामपुर जेल में बंद आजम खान परिवार की पहली रात जेल में कैसे बीती? अब इसका उत्तर मिल गया है.
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कैसी रही जेल में पहली रात?
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, आजम खान, अब्दुल्ला आजम खान और तंजीम फातिमा को जेल में सामान्य कैदियों की तरह ही रखा गया है. आजम खान और अब्दुल्ला आजम खान को सामान्य कैदियों के साथ बैरक में रखा गया है तो वहीं आजम खान की पत्नी तंजीम फातिमा को महिला बैरक में महिला कैदियों के साथ रखा गया है.
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, आजम खान, पत्नी तंजीम फातिमा और बेटे अब्दुल्ला आजम खान के साथ सामान्य कैदियों की तरह ही व्यवहार किया जा रहा है. उनके लिए जेल में कोई भी खास व्यवस्था नहीं की गई है.
आजम परिवार ने रात जेल में क्या खाया?
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, आजम खान, उनकी पत्नी और बेटे ने रात में जेल का खाना ही खाया है. जो खाना जेल के अन्य कैदियों को दिया गया, वहीं खाना आजम खान और उनकी पत्नी-बेटे को दिया गया, जिसे उन्होंने खाया. खाने में भी आजम परिवार को किसी भी तरह का खास ट्रीटमेंट नहीं दिया गया है.
ना कोई VVIP सुरक्षा ना बैरक में बिस्तर
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, आजम खान और उनकी पत्नी-बेटे को वीवीआईपी ट्रीटमेंट नहीं दिया जा रहा है. जेल में आजम खान परिवार के लिए वीवीआईपी सुरक्षा भी नहीं लगाई गई है. जैसे जेल के अन्य कैदियों की बैरक हैं, ऐसे ही आजम परिवार के सदस्यों की बैरके हैं. जिन बैरकों में आजम परिवार की रात गुजरी है, वहां बेंड तक नहीं है.
जेल के बराबर में ही है आजम खान का घर
आपको ये भी बता दें कि जिस रामपुर की जेल में आजम खान, उनकी पत्नी और बेटे को बंद किया गया है, वह जेल आजम खान के घर से करीब 400 से 500 मीटर की दूरी पर ही है. आजम खान ने शायद ही कभी सोचा होगा कि जिस शहर में उनका राज चलता था, कभी वह उसी शहर की जेल में अपनी पत्नी और बेटे के साथ एक कैदी की तरह रहेंगे.
आपको ये भी बता दें कि रामपुर की ये जेल ऐतिहासिक है. इस जेल को रामपुर के प्रसिद्ध नवाब ने बनवाया था. ये भी दिलचस्प है कि आजम खान की राजनीति ने रामपुर के नवाब परिवार की राजनीति को काफी पिछे धकेल दिया था. मगर आज आजम खान उन्हीं नवाब के द्वारा बनवाई गई जेल में बंद हैं.
किस केस में मिली 7 साल की हुई सजा
यह मामला 2017 के यूपी विधानसभा चुनाव का है. अब्दुल्ला आजम रामपुर की स्वार विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी की टिकट पर चुनाव लड़े और जीते भी थे. इस चुनाव को उनके विरोधी नवाब काजिम अली खान उर्फ नावेद मियां ने हाई कोर्ट में चुनौती दी थी.
उन्होंने आरोप लगाया था कि अब्दुल्ला आजम की उम्र विधायक का चुनाव लड़ने लायक नहीं है. शैक्षिक प्रमाण पत्र में अब्दुल्ला आजम की जन्म तिथि 1 जनवरी 1993 है, जबकि बर्थ सर्टिफिकेट के आधार पर उनका जन्म 30 सितंबर 1990 को हुआ है. हाई कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए अब्दुल्ला की ओर से पेश किया गया जन्म प्रमाण पत्र को फर्जी पाया था और स्वार सीट से उनका चुनाव रद्द कर दिया था.
इसके बाद इस मामले में एक नया मोड़ तब आया जब रामपुर से भाजपा विधायक आकाश सक्सेना ने 2019 में रामपुर के थाना गंज में अब्दुल्ला आजम खान के खिलाफ दो जन्म प्रमाण पत्र होने का मामला दर्ज कराया था. इसमें आजम खान और उनकी पत्नी डॉक्टर तंजीन फातिमा को भी आरोपी बनाया गया था. अब इस मामले में तीनों लोग दोषी करार दिए गए हैं.
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