उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी जिलाधिकारियों को अवैध घुसपैठियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए डिटेंशन सेंटर बनाने के आदेश दिए हैं. सीएम योगी ने कहा है कि ऐसे लोग जो विदेशी हैं और अवैध रूप से उत्तर प्रदेश के अलग-अलग इलाकों में घुस आए हैं उन्हें पहले डिटेंशन केंद्र में रखें. फिर सत्यापन करके उन्हें वापस भेजा जाए. योगी सरकार के इस निर्णय पर सपा चीफ अखिलेश यादव ने तंज कसा है.
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पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा, "सरकार डिटेंशन सेंटर इसलिए बना रही है ताकि 2027 में जनता इनको डेंटेंशन सेंटर में भेज सके."
अखिलेश के इस बयान का क्या है मतलब?
अखिलेश यादव यूपी में डिटेंशन सेंटर के निर्माण को सरकार की एक गलती बता रहे हैं. वह तंज कसते कर रहे हैं कि यह गलती 2027 के चुनाव में सरकार को भारी पड़ेगी. अखिलेश ने अपने बयान में कहा कि 'जनता डेंटेंशन सेंटर में भेजेगी'. अपने इस बयान से अखिलेश यह कहना चाह रहे हैं कि 'जनता चुनाव में बीजेपी को बुरी तरह हराकर सत्ता से बेदखल कर देगी.'
दिल्ली से सटे गाजियाबाद, नोएडा के अलावा के लखनऊ और सीमावर्ती जिलों जैसे महाराजगंज से लेकर पीलीभीत तक घुसपैठियों की आवाजाही और बसने के कई मामले सामने आए हैं. अकेले लखनऊ शहर में हजारों सदिग्ध लोगों के होने की आशंका है. अब इनके सत्यापन की शुरुआत हो गई है. ऐसा माना जा रहा है कि खुद को असम का बताने वाले ज्यादातर लोगों ने अपने आधार कार्ड, राशन कार्ड और निवास प्रमाण पत्र जैसे महत्वपूर्ण दस्तावेज भी बनवा सकते हैं. इससे प्रशासन के लिए स्थानीय और बाहरी में भेद करना मुश्किल हो रहा है. ऐसे में डिटेंशन सेंटर में संदिग्ध घुसपैठिये रखे जाएंगे और सत्यापन के बाद उन्हें वापस भेजा जाएगा.
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