उत्तर प्रदेश की मऊ सदर विधानसभा सीट पर उम्मीदवारों के चुनाव पर तो दांव लगा ही है, इसके अलावा दो ताकतवर परिवारों की पुरानी रंजिश का मसला भी है. अपने भाई की हत्या के लिए न्याय चाहने वाला एक प्रत्याशी हत्या के आरोपी के बेटे के विरुद्ध चुनाव लड़ रहा है. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के प्रत्याशी अशोक सिंह, बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी के खिलाफ खड़े हैं जो सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (एसबीएसपी) से उम्मीदवार हैं.
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प्रदेश में सात मार्च को होने वाले मतदान से पहले इन दोनों उम्मीदवारों के बीच निजी हमले और जुबानी जंग जारी है. सिंह का कहना है कि बुलडोजरों की “सर्विसिंग” करा ली गई है और 10 मार्च के बाद उन्हें माफिया (अंसारी) के खिलाफ चलवाया जाएगा. सिंह के परिवार का आरोप है कि उनके भाई अजय प्रकाश सिंह ‘मन्ना’ की हत्या में मुख्तार का हाथ था.
वहीं, दूसरी ओर अब्बास अंसारी हैं जो अपने पिता की जीती हुई सीट को बचाना चाहते हैं. मुख्तार वर्तमान में बहुजन समाज पार्टी से विधायक हैं और वह 1996 से लगातार पांच बार जीत चुके हैं. खेल में शूटर और पीला गमछा धारण करने वाले 30 वर्षीय अब्बास ने पीटीआई-भाषा से कहा, “यह चुनाव सरकार और सत्तारूढ़ लोगों के खिलाफ है. वे (बीजेपी) नहीं चाहते कि वह (मुख्तार) चुनाव लड़ें, इसलिए उन्होंने साजिश रची और उन्हें नामांकन नहीं भरने दिया इसलिए मैं चुनाव लड़ रहा हूं.”
वहीं, सिंह ने कहा, “यहां 25 साल से एक माफिया विधायक रहा है. उसे हार का डर है, इसलिए भाग गया. अब उसने अपने बेटे को उतारा है. मुख्तार लड़े या उनका बेटा एक ही बात है.”
अपने विरोधी की आलोचना करते हुए सिंह ने कहा कि वह माफिया डॉन के बेटे हैं और उनकी परवरिश अपराध के साए में हुई है, इसलिए उनका व्यवहार मुख्तार अंसारी की तरह होगा.
सिंह ने कहा, “हमें मऊ को माफिया मुक्त बनाना है. जो विकास एक जनप्रतिनिधि को करना चाहिए और रुका हुआ है उसे पूरा करना है.”
UP चुनाव: बाहुबली मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास के पास कई हथियार, करोड़ों की संपत्ति भी
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