Ghazipur Lathicharge News: उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में कथित पुलिस पिटाई में हुई भाजपा कार्यकर्ता सीताराम उपाध्याय (35) की मौत के बाद इस मामले में अब राजनीति तेज हो गई है. विपक्षी सपा और कांग्रेस अब इस मामले में योगी सरकार को घेरने में जुट गए हैं. इस बीच गाजीपुर की मोहम्मदाबाद सीट से सपा विधायक मन्नू अंसारी मृतक सियाराम उपाध्याय के घर पहुंचे और यहां उन्होंने परिजनों से मुलाकात की. मन्नू अंसारी ने मृतक सियाराम उपाध्याय से परिजनों से मुलाकात के बाद कहा कि वह पीड़ित परिवार के साथ खड़े हैं.
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विधायक मन्नू अंसारी ने कहा, "इस दुख की घड़ी में हम सब लोग दुखित परिवार के साथ हैं. हम किसी दल-पार्टी में होने से पहले एक मनुष्य हैं, एक इंसान हैं और इनके परिवार से हमारे परिवार का बहुत पुराना संबंध रहा है. आज वो हम लोगों के बीच में नहीं हैं. हमने यही भरोसा दिलाया परिवार को कि हम एक बेटे, एक भाई, आपके बगलदार होने के नाते हर तरह से आपके साथ हैं. जब भी हमारी जो भी आवश्यकता होगी आप जिस तरह से हमें चाहेंगे हम लोग, हमेशा आपके साथ खड़े रहेंगे. हमारी पूरी पार्टी आपके साथ खड़ी रहेगी."
यहां नीचे वीडियो में देखें मन्नू अंसारी ने और क्या कहा?
अब जानिए पूरा मामला
न्यूज एजेंसी पीटीआई को गाजीपुर के एसपी इरज राजा ने बताया कि यह घटना दो गुटों के बीच एक बिजली का खंभा लगाने को लेकर हुए विवाद से जुड़ी है. उन्होंने बताया कि इस मामले की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दे दिए गए हैं. निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने के लिए, नॉनहरा थाने के एसएचओ समेत 6 पुलिसकर्मियों को निलंबित और 6 को पुलिस लाइन भेजा गया है.
पुलिस के अनुसार, 9 सितंबर को नॉनहरा इलाके में एक मौजूदा और एक पूर्व ग्राम प्रधान के बीच बिजली का खंभा लगाने को लेकर विवाद हुआ था. इसके विरोध में 20-25 लोग नॉनहरा थाने के बाहर धरने पर बैठ गए. एसपी ने बताया कि पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को समझाने की कोशिश की, लेकिन वे नहीं माने. बाद में रात में बिजली चली गई और हंगामा होने लगा. पुलिस ने उन्हें वहां से हटने को कहा और स्थिति को काबू में किया.
लाइट बंद कर हम पर लाठीचार्ज कर दिया: प्रदर्शनकारी राजेश राय
एक और घायल प्रदर्शनकारी राजेश राय 'बाघी' ने कहा, "हम सार्वजनिक मुद्दों पर धरना दे रहे थे, तभी रात करीब 1:30 बजे पुलिस ने लाइट बंद कर हम पर लाठीचार्ज कर दिया. इस कार्रवाई में कई लोग घायल हुए."
सियासत हुई तेज
भाजपा कार्यकर्ता की मौत की खबर फैलने के बाद भाजपा कार्यकर्ताओं ने पुलिस और प्रशासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. गाजीपुर भाजपा के जिलाध्यक्ष ओम प्रकाश राय ने सीताराम की मौत पर दुख जताया और कहा, "वह एक समर्पित कार्यकर्ता था. पार्टी इस घटना से सदमे में है. निष्पक्ष जांच सुनिश्चित की जाएगी और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होगी." उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि थाने के बाहर हुए धरने को गलत तरीके से भाजपा का धरना बताया जा रहा है.
अखिलेश यादव ने कसा तंज
इस मामले पर सपा चीफ अखिलेश यादव ने तंज कसा है. उन्होंने X पर पोस्ट करते हुए कहा, "अब तक उप्र भाजपा सरकार की पुलिस ‘हिरासत में मौत’ का जो रिकॉर्ड-पर-रिकॉर्ड बना रही थी, अब उसका शिकार सत्ताधारी दल के अपने लोग भी होने शुरू हो गये हैं. अब जब अपने लोग मारे गये तो भाजपाइयों को इतने सालों से मारे जा रहे लोगों का दर्द समझ आया है. हर मृतक किसी भी दल से पहले देश का नागरिक है और एक मानव भी, ऐसी हर मौत के लिए पुलिस की घोर निंदा करनी चाहिए और उससे भी ज़्यादा उन लोगों की जिन्होंने ऐसे कुकृत्यों को बढ़ावा दिया है. सवाल ये भी है कि उप्र की पुलिस को भाजपा और उनके संगी-साथियों व अन्य आनुषंगिक संगठनों पर प्रहार करने के पीछे कौन है. आपसी और अंदरूनी लड़ाई का ख़ामियाज़ा कोई भी क्यों भुगते."
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