सपा से निकाली गईं विधायक पूजा पाल पहुंच गई सीएम योगी आदित्यनाथ से मिलने, सोशल मीडिया पर आई ये पोस्ट

सपा से निष्कासन के बाद विधायक पूजा पाल ने सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की. जानें क्यों हुई यह मुलाकात और क्या है इसके पीछे की सियासी कहानी.

Pooja Pal, CM Yogi Adityanath.

यूपी तक

• 08:03 AM • 17 Aug 2025

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बीते दिनों समाजवादी पार्टी (सपा) ने प्रयागराज की चायल विधानसभा सीट से विधायक पूजा पाल को पार्टी से निष्कासित कर दिया. पूजा पाल का ये निष्कासन तब हुआ जब उन्होंने यूपी विधानसभा के मॉनसून सत्र में बोलते हुए सीएम योगी की तारीफ कर दी. सपा ने पार्टी विरोधी गतिविधियों की बात कहकर पूजा पाल को बाहर का रास्ता दिखा दिया. यूपी में इस वाकये को लेकर तमाम सियासी प्रतिक्रियाएं देखने को मिलीं. इस बीच पूजा पाल ने सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कर प्रदेश का सियासी पारा और चढ़ा दिया है. 

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इस मुलाकात की तस्वीरें भी सामने आई हैं. इसे पूजा पाल ने अपने एक्स हैंडल से तो पोस्ट किया ही है, योगी आदित्यनाथ ऑफिस हैंडल से भी इसे शेयर किया है. इसमें लिखा है, 'मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी महाराज से आज लखनऊ में जनपद कौशांबी के चायल विधान सभा क्षेत्र की माननीय विधायक श्रीमती पूजा पाल जी ने शिष्टाचार भेंट की.'

पूजा पाल ने इस तस्वीर को पोस्ट करते हुए लिखा है, 'मैं एक बार फिर से आदरणीय मुख्यमंत्री जी का धन्यवाद करती हूं. उनके नेतृत्व में गुंडों माफिया को उनके उचित स्थान पर पहुंचाया जा रहा है जो कि एक प्रगतिशील समाज के लिए अत्यंत आवश्यक है.'

क्या कहा था पूजा पाल ने कि सपा ने पार्टी से निकाल दिया? 

पिछले दिनों यूपी विधानसभा के मॉनसून सत्र में विज़न डॉक्यूमेंट 2047 को लेकर चर्चा चल रही थी. इस बीच सपा विधायक पूजा पाल सीएम योगी की तारीफ करते हुए नजर आईं. पूजा पाल ने तब कहा था कि जब मैं इस लड़ाई से थकने लगी तब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुझे न्याय दिलाया और अतीक अहमद को मिट्टी में मिलाया.

आपको बता दें कि पूजा पाल के पति का नाम राजू पाल था. राजू पाल बसपा के विधायक थे. साल 2005 में विधायक राजू पाल की हत्या कर दी गई थी. हत्या का आरोप माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ पर लगा था. शादी के 9 दिन बाद ही पूजा पाल विधवा हो गईं थीं. 

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पति की हत्या के बाद हुए उपचुनाव में बनीं विधायक

राजनीति का कोई अनुभव न होते हुए भी पूजा पाल अपने पति की हत्या के उपचुनाव में उतरीं. उन्होंने शहर पश्चिम विधानसभा सीट से जीत हासिल की. इसके बाद वह दो बार बीएसपी के टिकट पर विधायक बनीं. मौजूदा समय में वह समाजवादी पार्टी से विधायक थीं. अब वहा सपा से निकाल दी गईं हैं, तो खुलकर बीजेपी के साथ खड़ी नजर आ रही हैं. 

क्या सपा से निकाले जाने के बाद विधायक रह पाएंगी पूजा पाल? 

पूजा पाल से जुड़ी सियासत तेज होने के बाद लोगों के मन में एक सवाल ये भी है कि क्या सपा से निकाले जाने के बाद वह विधायक रहेंगी या उनकी विधायकी चली जाएगी? पूजा पाल का पार्टी से निष्कासन उन्हें विधायक पद नहीं हटाता. पूजा पाल फिलहाल असंबद्ध विधायक रहेंगी. असंबद्ध विधायक उस विधायक को कहा जाता है जो अपने मूल दल से निष्कासित हो गया हो. लेकिन उसकी सदस्यता विधानसभा में बरकरार हो. असंबद्ध विधायक न तो अपने पुराने दल की व्हिप के तहत बंधा होता है, न किसी नए दल का हिस्सा माना जाता है. 

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दलबदल विरोधी कानून यानी 10वीं अनुसूची के तहत, यदि विधायक स्वेच्छा से पार्टी छोड़ता है या व्हिप का उल्लंघन करता है, तो पार्टी अध्यक्ष स्पीकर से उसकी अयोग्यता की सिफारिश कर सकता है. लेकिन अगर पार्टी खुद विधायक को निष्कासित कर दे, तो ये विधायकी खत्म करने का स्वतः कारण नहीं है.

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