यूपी में गरमाई जातिगत जनगणना की सियासत, डिप्टी सीएम केशव मौर्य ने अब कर दी बड़ी मांग

Uttar Pradesh News : बिहार में जातीय जनगणना के आंकड़े जारी होने के बाद उत्तर प्रदेश में भी इसकी मांग होने लगी है. प्रदेश की…

यूपी तक

• 02:10 PM • 02 Dec 2023

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Uttar Pradesh News : बिहार में जातीय जनगणना के आंकड़े जारी होने के बाद उत्तर प्रदेश में भी इसकी मांग होने लगी है. प्रदेश की सियासत में इस समय जाति जनगणना की मांग हावी है. शुक्रवार को समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने यूपी विधानसभा में एक बार फिर जातिगत जनगणना की मांग सीएम योगी के सामने की. वहीं विधानसभा में जातिगत जनगणना को लेकर हुए हंगामे के बीच उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद (Keshav Prasad Maurya) मौर्य ने बड़ा बयान दिया है.

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उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट X पर लिखा कि, ‘लोकतंत्र में गणना की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका होती है। फिर चाहे वह मतगणना, जनगणना हो या जातीय जनगणना. इन सभी गणनाओं से ही लोकतंत्र मज़बूत होता है. लोकतंत्र का मतलब ही गणना है.’ बता दें कि यूपी विधानसभा सत्र के दौरान जातिगत जनगणना के मुद्दे को लेकर समाजवादी पार्टी नेता शिवपाल सिंह यादव ने केशव प्रसाद मौर्य से इस्तीफे की मांग की थी.

शिवपाल यादव ने मांगा था इस्तीफा

गौरतलब है कि गुरुवार को उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने जातीय जनगणना पर सदन में खुलकर अपना पक्ष रखा था. सदन में केशव ने कहा था कि हम जातीय जनगणना के खिलाफ नहीं है. इसपर सियासत गरमाई तो सपा महासचिव शिवपाल यादव ने केशव प्रसाद मौर्य का इस्तीफा मांग लिया. केशव प्रसाद मौर्य ने विधान परिषद में जातीय जनगणना के विषय पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि जातीय जनगणना भारत सरकार के माध्यम से कराई जाएगी. उन्होंने सदन में यह भी कहा कि हमारे वरिष्ठतम नेताओं ने भी कहा है कि हम जातीय जनगणना के खिलाफ नहीं है.

यूपी में तेज हुई जतिगत जनगणना पर सियासत

शिवपाल यादव ने उपमुख्यमंत्री पर तंज कसते हुए कहा था कि, ‘ सबसे बड़े पिछड़े नेता की बीजेपी में बात नहीं सुनी जाती है. ऐसी स्थिति में पिछड़े वर्ग के सबसे बड़े नेता को बीजेपी से खुद अलग हो जाना चाहिए.’ वहीं विधानसभा में जातिगत जनगणना पर बोलते हुए नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने कहा था कि, ‘पूरे देश में जातिगत जनगणना की मांग हो रही है. प्रदेश में जातिगत जनगणना कराकर जिसकी जितनी आबादी है उसी के हिसाब से उन्हें आरक्षण का लाभ मिलना चाहिए.’

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