दिल को ठेस पहुंचाने वाली बात नहीं कही... ये बोल अब मायावती का शुक्रिया अदा करने लगे आजम खान, मामला क्या है?

मायावती ने 9 अक्टूबर को अपनी रैली में सपा के वरिष्ठ नेता आजम खान का बिना नाम लिए बहुत सारी बातें कहीं. मायावती ने कहा कि अगर उन्हें किसी से मिलना होता तो वो छुप-छुपकर नहीं खुले आम मिलती हैं.इसके बाद अब आजम खान ने इसका जवाब देते हुए कहा की वो मायावती की इज्जत और एहतराम करते हैं.

सपा नेता आजम खान

यूपी तक

10 Oct 2025 (अपडेटेड: 10 Oct 2025, 11:09 AM)

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समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान जब जेल से बाहर आए तो चर्चा उठी कि क्या बहुजन समाज पार्टी (बसपा) में उनके शामिल होने की तैयारी है? कई मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि आजम खान की अनुपस्थिति में उनके परिवार से बसपा सुप्रीमो मायावती की मुलाकात हुई है. पर मायावती ने 9 अक्टूबर को अपनी रैली में इन सारी अटकलों पर विराम लगा दिया. उन्होंने आजम खान का बिना नाम लिए बहुत सारी बातें कहीं. मायावती ने कहा कि अगर उन्हें किसी से मिलना होता तो वो छुप-छुपकर नहीं खुले आम मिलती हैं. उन्होंने ये भी कहा की ऐसी अफवाहों से बचकर रहें. यानी ये तय हो गया कि आजम के बसपा में जाने का अभी कोई सवाल नहीं है. पर आजम खान ने इस बीच न्यूज एजेंसी ANI से बाचतीत में मायावती को लेकर ऐसी बातें कहीं जिसे लेकर अब नई चर्चाएं शुरू हैं. 

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मायावती की टिप्पणी का जवाब देते हुए आजम खान ने कहा की वो मायावती की इज्जत और एहतराम करते हैं. उनके संबंध काशीराम से भी रहे हैं. काशीराम उनसे मिलने आया करते थे. लेकिन अगर मायावती को उनकी किसी बात से दुख पहुंचा हो इसका उन्होंने अफसोस जताया है.


मायावती से मुलाकात को लेकर आजम खान ने कहा कि मुलाकात हो सकती है. जरूरी नहीं है की सारी मुलाकातें राजनैतिक हो, आप कई बार व्यक्तिगत तौर पर भी लोगों से मिलते हैं. उन्होंने आगे कहा कि मैं इस बात के लिए अपना थोड़ा दुख व्यक्त करूंगा कि उन तक क्या खबर पहुंची मैं नहीं जानता.  क्योंकि ना सिर्फ मैं बल्कि पूरा देश उनका बहुत सम्मान करता है. उन्होंने कहा कि वह मुख्यमंत्री रहीं या नहीं रहीं इससे कोई लेना देना नहीं है. लेकिन वो एक बड़े जनसमूह के नायक हैं. हम उनकी इज्जत भी करते हैं, एहतराम भी करते हैं. अगर उन्हें मीडिया के माध्यम से कोई ऐसी खबर मिली है जिससे उन्हें दुख पहुंचा हो तो मुझे अफसोस है उसके लिए. उनकी अहमियत में मेरी नजरों में, दिल में कभी कोई कमी नहीं आई है. 

कांशीराम मिलने आते थे

आजम खान ने मायावती को लेकर आगे कहा कि वह रामपुर में उनकी मेहमान रह चुकी हैं.उन्होंने ये भी कहा कि उनका संबंध कांशीराम से भी रहा है. कांशीराम उनसे फजर की नमाज के समय मिलने आया करते थे.इस दौरान दोनों के बीच घंटो बात होती थी. मायावती को लेकर उन्होंने कहा कि 'मेरा उनके बड़ों से भी रिश्ता रहा है. ऐसा नहीं हो सकता की कोई ऐसी बात कहूं या करूं जो दुख का कारण बने शिकायत का सबब बने.उन्होंने कहा कि मिलने के लिए जरूरी नहीं होता की हम सिर्फ राजनैतिक कारणों से मिले. हमारी कुछ इंसानी जरूरतें भी हो सकती हैं. हमारी अखलाकी जरूरतें भी हो सकती हैं, समाजी भी हो सकती हैं. उसके लिए तो हम मिल ही सकते हैं. कभी भी जरूरत होगी तो मिल सकते हैं. मैं शुक्रिया अदा करूंगा उनका उन्होंने कोई ऐसी बात नहीं कही जिससे मेरे दिल को ठेस पहुंचती है बहुत शुक्रिया.


बता दें कि बीते दिनों ऐसी चर्चा थी कि जब आजम खान जेल में थे तब उनकी पत्नी ने मायावती से दिल्ली में मुलाकात की. इसको लेकर जब वो जेल से बाहर आए तब भी इस बात की चर्चा हुई की वो बसपा में शामिल हो सकते हैं. लेकिन आजम खान ने इस बात को साफ कह दिया की वो साइकिल की ही सवारी करते रहेंगे और वो कहीं नहीं जाने वाले हैं. 9 अक्टूबर को जिस रैली में आजम खान के बसपा में शामिल होने की सबसे ज्यादा चर्चा थी वहां मंच से मायावती ने इस बात को इंकार किया और कहा कि ये अफवाह है. अपनी रैली को संबोधित करते हुए मायावती ने कहा कि जैसे ही 9 अक्टूबर को रैली की घोषणा हुई वैसे ही ये अफवाह फैलना शुरु हो गया कि दूसरी पार्टियों के फलाना वरिष्ठ नेता बीएसपी में आ रहे हैं और वे बीएसपी प्रमुख से दिल्ली में लखनऊ में भी मिले हैं.लेकिन मुझे तो इसके बारे में अभी तक भी कोई जानकारी नहीं है मिलना तो बहुत दूर की बात है. उन्होंने कहा कि 'मैं कभी छिपके नहीं मिलती हूं जब मिलती हूं तो खुले में मिलती हूं.'
 

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