श्रृंगार गौरी केस: मुख्य वादी पद से राखी सिंह नहीं लेंगी नाम वापस, वकील बोले- ‘अफवाह थी’

रोशन जायसवाल

• 06:46 AM • 09 May 2022

वाराणसी के श्रृंगार गौरी केस मामले में नया मोड़ तब आ गया था, जब ये बात सामने आई थी कि बतौर मुख्य वादी के पद…

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वाराणसी के श्रृंगार गौरी केस मामले में नया मोड़ तब आ गया था, जब ये बात सामने आई थी कि बतौर मुख्य वादी के पद से राखी सिंह अपना नाम वापस लेंगी. मगर मामले में अब फिर एक नया ट्विस्ट सामने आ गया है. खबर है कि राखी सिंह मुख्य वादी के पद से अपना नाम वापस नहीं लेंगी. बता दें कि इस मामले में वादी पक्ष और विश्व वैदिक सनातन संघ के वकील शिवम गौड़ ने यूपी तक से खास बातचीत की है.

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वादी पक्ष के वकील ने कहा,

“राखी सिंह ने कहीं एडमिट नहीं किया था कि वह केस वापस लेंगी. विश्व वैदिक सनातन संघ का स्टेटमेंट था कि हम एक केस वापस लेंगे. कौनसा केस वापस लेंगे, यह स्पष्ट नहीं था. अब राखी सिंह अपना केस वापस नहीं ले रही हैं, वह कंटिन्यू कर रही हैं. किसी ने अफवाह उड़ा दी, उसमें हम कुछ नहीं कर सकते. राखी सिंह की तरफ से हम आर्ग्युमेंट करेंगे…कोई परेशानी नहीं है.”

शिवम गौड़

उन्होंने आगे कहा, “जो इन्होंने (मुस्लिम पक्ष) पक्षपात का आरोप लगाया है, इसमें हम आर्ग्युमेंट करेंगे. एडवोकेट कमीशन के निर्देश ये दिलवाए जाएंगे कि अगर चाबी नहीं मिली, तो ताला भी तोड़ा जाए और अंदर घुसकर…कार्रवाई की जाए.”

क्या है मामला?

गौरतलब है कि विश्व वैदिक सनातन संघ के पदाधिकारी जितेन्द्र सिंह विसेन के नेतृत्व में राखी सिंह और अन्य ने अगस्त 2021 में अदालत में एक वाद दायर कर श्रंगार गौरी के नियमित दर्शन-पूजन और अन्य देवी-देवताओं के विग्रहों की सुरक्षा की मांग की थी.

सिविल जज (जूनियर डिवीजन) रवि कुमार दिवाकर की अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद गत 26 अप्रैल को अजय कुमार मिश्रा को एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त कर ज्ञानवापी परिसर का वीडियोग्राफी-सर्वे करके 10 मई को अपनी रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया था. मिश्रा ने वीडियोग्राफी और सर्वे के लिये छह मई का दिन तय किया था.

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