प्रयागराज में होने वाले ऐतिहासिक माघ मेले को लेकर योगी सरकार ने श्रद्धालुओं की सुगम यात्रा के लिए कमर कस ली है. महाकुंभ 2025 के सफल आयोजन के बाद, अब माघ मेले में पूर्वांचल से आने वाले श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो इसके लिए उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (UPSRTC) ने वाराणसी परिक्षेत्र से 336 अतिरिक्त बसें चलाने का फैसला किया है. वाराणसी परिवहन विभाग ने 8 डिपो से इन बसों का संचालन तीन चरणों में करने की योजना बनाई है. खास बात यह है कि साधारण बसों के साथ-साथ श्रद्धालुओं के आरामदायक सफर के लिए ए.सी. जनरथ बसें भी बेड़े में शामिल की गई हैं.
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तीन चरणों में होगा संचालन, सबसे ज्यादा बसें दूसरे चरण में
वाराणसी के क्षेत्रीय प्रबंधक परशुराम पांडेय ने बताया कि बसों का संचालन यात्रियों की उपलब्धता के अनुसार किया जाएगा. भीड़ को देखते हुए 50 बसें रिजर्व में भी रखी गई हैं. संचालन का शेड्यूल इस तरह है:
- पहला चरण (1 जनवरी से 13 जनवरी 2026): मेले की शुरुआत में 215 अतिरिक्त बसें चलाई जाएंगी.
- दूसरा चरण (14 जनवरी से 24 जनवरी 2026): मकर संक्रांति और मौनी अमावस्या जैसे प्रमुख स्नान पर्वों के कारण इस चरण में सबसे अधिक 330 बसें सड़कों पर उतरेंगी.
- तीसरा चरण (31 जनवरी से 16 फरवरी 2026): अंतिम चरण में बसंत पंचमी और माघी पूर्णिमा के दौरान फिर से 215 बसों का संचालन होगा.
एसी जनरथ बसों का भी मिलेगा विकल्प
श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए परिवहन निगम ने वातानुकूलित (AC) बसों का भी इंतजाम किया है. वाराणसी के कैंट और काशी डिपो से 3-3 जनरथ एसी बसें विशेष रूप से चलाई जाएंगी.
इन रूट्स पर चलेंगी धुआंधार बसें
वाराणसी परिक्षेत्र के अलग-अलग जिलों से प्रयागराज (झूंसी) के लिए रूटवार बसों की संख्या निर्धारित कर दी गई है. सबसे ज्यादा बसों का संचालन वाराणसी और जौनपुर रूट पर होगा.
रूटवार बसों की जानकारी (पहला/तीसरा चरण - दूसरा चरण):
- वाराणसी - झूंसी : 65 - 80 बसें
- जौनपुर - झूंसी : 35 - 50 बसें
- बदलापुर - झूंसी : 35 - 50 बसें
- मछली शहर - झूंसी : 20 - 30 बसें
- सुजानगंज - झूंसी : 15 - 50 बसें
- गाजीपुर - झूंसी : 10 - 20 बसें
- रेनूकोट/राबर्ट्सगंज - अरैल : 15 - 10 बसें
- भदोही - झूंसी : 10 - 10 बसें
- ज्ञानपुर - झूंसी : 5 - 15 बसें
- चंदौली - झूंसी : 5 - 15 बसें
योगी सरकार का प्रयास है कि प्रयागराज संगम में आस्था की डुबकी लगाने आने वाले श्रद्धालुओं को परिवहन, सुरक्षा और मूलभूत सुविधाओं के मामले में बेहतरीन अनुभव मिले.
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