Bahraich News: उत्तर प्रदेश के बहराइच के कतरनियाघाट वन्य जीव विहार से सटे गांवों में आतंक का पर्याय बने खूंखार तेंदुए (Leopard Attacked) को आखिरकार वन विभाग ने पड़क लिया है. इस खूंखार तेंदुए को पड़कने के लिए वन विभाग को सात घंटे की कड़ी मशक्कत करनी पड़ी. वन विभाग, तेंदुए को अब सुरक्षित ट्रांस गेरुआ इलाके में छोड़ने की तैयारी कर रही है.
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गांव में आतंक का पर्याय बना था तेंदुआ
दरअसल, पिछले कुछ दिनों से एक तेंदुआ कतरनियाघाट वन्य जीव विहार के रिहायसी इलाकों में आतंक का पर्याय बना हुआ था. गुरुवाप सुबह इस तेंदुए ने जंगल से सटे गांव चहलवा के मजरा मंगलपुरवा में पांच लोगों को घायल कर दिया और गांव में ही बने एक फूस के मकान में छिप गया. इतनी बड़ी तादात में लोगों के घायल होने के बाद चहलवा समेत कई गांवों के लोग दहशत में आ गए. घटना की सूचना पर गांव में वन विभाग की टीम ने बड़े पैमाने पर जाल लगवाकर तेंदुए को पकड़ने के लिए काफी प्रयास किया.
तेंदुए को पड़ने के लिए बुलाए गए हाथी
तेंदुए को पकड़ने के लिए कतरनिया घाट रेंज की दो प्रमुख हाथियों को भी बुलाया गया. इसके बावजूद जब सफलता नहीं मिली तो कतरनियाघाट के प्रभारी वनाधिकारी आकाशदीप बधावन ने तेंदुए को ट्रेंकुलाइज करवाने का फैसला लिया. फिर तेंदुए को ट्रेंकुलाइज करवाने के बाद वन विभाग के चिकित्साधिकारी डाक्टर दीपक वर्मा ने जांच किया गया. वन विभाग अब तेंदुए को वन्य जीव विहार के ही ट्रांस गेरुआ क्षेत्र में छोड़ने की तैयारी कर रहा है. वहीं इस घटना पर वन रेंज अधिकारीराम कुमार ने बताया कि इस रेंज का मंगलपुरवा गांव है, इस गांव में तेंदुआ आ गया था और चार लोगों को घायल कर दिया है.
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