स्मार्ट स्कूल, आधुनिक लाइब्रेरी, 30 हाईटेक CCTV, 275 स्ट्रीट लाइट... सहारनपुर के इस गांव को विदेशी भी आते हैं देखने

Saharanpur News: सहारनपुर का थरौली गांव तकनीक में अव्वल है और देश का पहला हाईटेक ISO सर्टिफाइड स्मार्ट गांव बन चुका है. सुरक्षा और नवाचार में थरौली सब पर भारी है.

Saharanpur News

राहुल कुमार

08 Sep 2025 (अपडेटेड: 08 Sep 2025, 05:18 PM)

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Tharouli ISO Certified Smart Village: सहारनपुर जिले की देहात विधानसभा में स्थित थरौली गांव आज पूरे भारत में तकनीक और नवाचार की मिसाल बन चुका है. यह देश का पहला हाईटेक और ISO 2001:2015 सर्टिफाइड स्मार्ट गांव है, जिसे पूरी तरह से आधुनिक तकनीक और सुविधाओं से सजाया गया है. ग्राम प्रधान रीता चौधरी और उनके प्रतिनिधि संदीप चौधरी की अगुवाई में गांव में व्यापक विकास कार्य हुए हैं. पूरे गांव में 30 हाईटेक IP-आधारित सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, जो क्लाउड-बेस्ड स्मार्ट स्पीकर्स से जुड़े हैं. इसके माध्यम से देश-विदेश में बैठे लोग भी गांव की निगरानी और संचालन कर सकते हैं.

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गांव में हाईटेक कंट्रोल रूम, स्मार्ट स्कूल, आधुनिक लाइब्रेरी और महिलाओं के लिए पूरी तरह से सुरक्षित माहौल बनाया गया है. इसके चलते महिलाएं और लड़कियां रात में भी निडर होकर घूम सकती हैं. हर नवजात बेटी के जन्म पर पूरे गांव में सामूहिक उत्सव मनाकर बेटी के प्रति सम्मान की भावना को प्रोत्साहित किया जाता है. सात तालाबों का निर्माण कर वर्षा जल संचयन को बढ़ावा दिया गया है. ऑर्गेनिक उद्यान केंद्र स्थापित कर कचरे से प्रोडक्ट बनाने तथा वर्मीकम्पोस्ट खाद के माध्यम से पर्यावरण-अनुकूल खेती को भी प्रोत्साहित किया जा रहा है.

गांव में कुल 275 स्ट्रीट लाइटें लगी हैं, जो रात में दिवाली जैसा सुंदर माहौल बनाती हैं. प्रवेश द्वार पर लगाए गए बोर्ड पर लिखा रहता है नमस्ते जी, आप सीसीटीवी की निगरानी में हैं. यही कारण है कि गांव में घुसने से पहले चोरों की रूह कांपने लगती है. पिछले 5 सालों में एक भी पुलिस केस दर्ज नहीं हुआ. थरौली को अब तक मुख्यमंत्री सम्मान सहित कुल 25 से अधिक पुरस्कार मिल चुके हैं. ब्राजील, तुर्की समेत कई देशों की टीमें आकर गांव की तकनीकी व्यवस्था का अवलोकन कर चुकी हैं.

यह गांव न केवल तकनीक में आगे है, बल्कि सामाजिक समरसता, पर्यावरण संरक्षण और ग्रामीण विकास में भी मिसाल बन चुका है. थरौली में दूर-दूर से लोग प्रेरणा लेने आते हैं. विदेश में बैठकर भी इस गांव को ऑपरेट किया जा सकता है. तकनीक के माध्यम से गांववासियों को हर प्रकार की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है. यह गांव आज हर क्षेत्र में प्रगतिशीलता का प्रतीक बन चुका है. थरौली का उदाहरण पूरे देश के अन्य गांवों के लिए प्रेरणा बनकर सामने आया है.

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