जेल में बैठ आजम खान रामपुर में ये क्या करा रहे? भारी फजीहत के बीच अब BJP संग सांठगांठ की भी चर्चा

आमिर खान

27 Mar 2024 (अपडेटेड: 27 Mar 2024, 01:53 PM)

लोकसभा चुनाव के तहत रामपुर में पहले चरण (19 अप्रैल) में मतदान होना है. वहीं, पहले चरण के नामांकन के लिए आज यानी 27 मार्च आखिरी तारीख है.

UPTAK
follow google news

Azam Khan News: लोकसभा चुनाव के तहत रामपुर में पहले चरण (19 अप्रैल) में मतदान होना है. वहीं, पहले चरण के नामांकन के लिए आज यानी 27 मार्च आखिरी तारीख है. नामांकन का समय खत्म होने के पहले 26 मार्च को अचानक समाजवादी पार्टी के रामपुर जिलाध्यक्ष, चमरव्वा सीट से विधायक और कई बड़े स्थानीय नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सीतापुर जेल में बंद आजम खान के हवाले से चुनाव बहिष्कार का ऐलान कर दिया. उनका कहना था कि 'सीतापुर जेल में बंद आजम खान ने सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से कहा है कि रामपुर से वह खुद चुनाव लड़ें और अब अखिलेश चुनाव नहीं लड़ रहे हैं तो हम चुनाव का बहिष्कार करेंगे.'

यह भी पढ़ें...

सपा के स्थानीय नेताओं की इस प्रेस कॉन्फ्रेंस को चंद घंटे भी नहीं बीते थे कि समाजवादी पार्टी के ही एक नेता मशकूर अहमद मुन्ना ने आजम खान के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. उन्होंने नामांकन से एक दिन पहले बहिष्कार की घोषणा को पार्टी के पीठ में छुरा घोंपने जैसा बताते हुए अखिलेश यादव से अपील की कि वह ऐसे लोगों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करें. 

 

 

उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का जो फैसला होगा वही मान्य होगा और उसे ही चुनाव लड़ाया जाएगा. एक ऐसा समय था जब रामपुर में समाजवादी पार्टी का मतलब आजम खान हुआ करते थे, लेकिन अब मशकूर अहमद मुन्ना ने आजम खान के विरोध में उतरकर पार्टी के बीच गुट बंदी को उजागर कर दिया है. अब देखना यह होगा कि नामांकन से एक दिन पहले हुए इस बहिष्कार के आवाहन के बाद सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव मशकूर अहमद मुन्ना जैसे रामपुर के नेताओं की बात सुनेंगे या आजम खान के दबाव में आ जाएंगे?

जानिए मशकूर अहमद ने और क्या-क्या कहा?

इस मामले सपा नेता मशकूर अहमद मुन्ना ने कहा, "इन्होंने चोरी छिपे मीटिंग की है. इन लोगों ने बहुत बड़ा फैसला ले लिया है बिना सोचे समझे, इन्होंने चुनाव का बहिष्कार कर दिया है. जो समाजवादी पार्टी के चाहने वाले लोग हैं, उनको बड़ा धक्का लगा है. हमने कहा यह चंद लोग समाजवादी पार्टी के ठेकेदार थोड़ी हैं. समाजवादी पार्टी का यहां पर दसियों लाख आदमी है. लाखों कार्यकर्ता हैं. समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जो फैसला लेंगे वह माना जाएगा, जिसे उतारेंगे उसे चुनाव लड़ाया जाएगा. अगर कोई नहीं लड़ेगा तो चुनाव मैं लड़ूंगा और जीतकर सीट राष्ट्रीय अध्यक्ष जी को भेंट करेंगे." 

'यह पूछे जाने पर की बहिष्कार की क्या वजह थी?' इस पर मशकूर अहमद बन्ना ने बताया, "यह इनका नाटक है. मुझे ऐसा लगता है भाजपा के जो मौजूदा प्रत्याशी हैं. वह भी समाजवादी पार्टी में लगातार रहे हैं. दो बार एमएलसी रहे हैं. हो सकता है हमारे नेता और वो पहले से मिले हुए हों. ऐसा लग रहा उन्हें जिताने के लिए यह सब किया गया है."

 

 

'जो चुनाव बहिष्कार किया हुआ है, इस पर आप क्या कहेंगे?' इसके जवाब में मशकूर अहमद मुन्ना ने कहा, "यह सब नाटक है. यह भाजपा को जिताने की साजिश है. यह आपस में मिले हुए हैं."

    follow whatsapp
    Main news