इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कानपुर के 2020 के बिकरू हत्याकांड मामले के आरोपी शिवम दुबे उर्फ दलाल की जमानत याचिका खारिज कर दी है. उत्तर प्रदेश सरकार के वकील ने न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी की पीठ को बताया कि दुबे ने अपना आपराधिक इतिहास छिपाते हुए झूठा हलफनामा दाखिल करके अदालत को गुमराह किया है. ऐसे में कोर्ट ने कहा कि अभी जमानत का कोई आधार नहीं बनता है. लेकिन वह आगे चलकर दोबारा याचिका दाखिल कर सकता है.
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वकील के मुताबिक, अपने हलफनामे में आरोपी ने कहा है कि उसके खिलाफ कोई अन्य आपराधिक मामला लंबित नहीं है. जबकि उसके खिलाफ गैंगस्टर अधिनियम के तहत एक मामला लंबित है और उसे 5 सितंबर 2023 को इस मामले में सजा भी सुनाई गई थी. ऐसे में यह मानना गलत होगा कि आरोपी को इस तथ्य की जानकारी नहीं थी.
क्या है बिकरु कांड की कहानी
2 जुलाई 2020 की रात को गैंगस्टर विकास दुबे ने कानपुर के बिकरू गांव में उसके घर पर घात लगाकर हमला किया था. इस दौरान पुलिस उपाधीक्षक देवेंद्र मिश्रा समेत आठ पुलिसकर्मी मारे गए थे. पुलिस टीम ने उसे गिरफ्तार करने के लिए उसके घर पर छापा मारा था.
बिकरु केस का आरोपी है शिवम दुबे
बता दें कि विकास दुबे 10 जुलाई, 2020 को मारा गया था. जब उज्जैन से कानपुर ला रहे एक पुलिस वाहन के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद उसने हिरासत से भागने की कोशिश की थी. वहीं विकास दुबे के एक सहयोगी शिवम दुबे को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था. शिवम दुबे पर बिकरू कांड में शामिल होने का आरोप है. 21 अगस्त को जमानत याचिका खारिज करते हुए अदालत ने कहा कि आवेदक आगे चलकर इस तरह की अर्जी दे सकता है.
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