इलाहाबाद हाई कोर्ट ने फर्रुखाबाद की SP आरती सिंह पर दिखाई सख्ती, अदालत में रोके रखा! आखिर मामला क्या है?

Farrukhabad SP Aarti Singh News: फर्रुखाबाद की SP आरती सिंह के खिलाफ इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सख्ती दिखाई है. हाईकोर्ट में दाखिल बंदी प्रत्यक्षीकरण रिट पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने बड़ा एक्शन लिया. यहां जानें पूरा मामला.

IPS Arti Singh

पंकज श्रीवास्तव

15 Oct 2025 (अपडेटेड: 15 Oct 2025, 11:06 AM)

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Farrukhabad SP Aarti Singh News: इलाहाबाद हाईकोर्ट में दाखिल बंदी प्रत्यक्षीकरण रिट पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने अवैध हिरासत में रखे जाने के मामले को लेकर सख्त रुख अपनाया है. याची ने सुनवाई के दौरान फर्रुखाबाद एसपी की मौजूदगी में पुलिस द्वारा किए गए उत्पीड़न और याचिका का वापस लेने का दबाव बनाने की बात कही. इस पर कोर्ट की नाराजगी देखने को मिली. हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से बुधवार दोपहर तक जवाब भी मांगा है. कोर्ट के आदेश पर एसपी फर्रुखाबाद आरती सिंह भी अदालत में पेश हुईं. उनसे भी स्पष्टीकरण मांगा गया. इस मामले में आज यानी बुधवार 12 बजे अदालत फिर से सुनवाई करेगी. तब तक कोर्ट ने एसपी आरती सिंह को रुकने के आदेश दिए हैं. आज की सुनवाई में भी आरती सिंह मौजूद रहेंगी. 

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इस सुनवाई के दौरान याची के बयान के बाद कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए फर्रुखाबाद की पुलिस अधीक्षक आरती सिंह, क्षेत्राधिकार राजेश कुमार द्विवेदी और थाना प्रभारी कायमगंज अनुराग मिश्रा से सफाई मांगी, जिसका वे जवाब नहीं दे पाए. इस मामले में सरकार की तरफ से अपर महाधिवक्ता अमित कुमार सक्सेना पेश हुए थे. उन्होंने याची के आरोपों की सफाई पेश करने के लिए 24 घंटे की मोहलत मांगी थी, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया. 

बंदी प्रत्यक्षीकरण रिट क्या होती है?

बंदी प्रत्यक्षीकरण रिट न्यायालय द्वारा उस अधिकारी को जारी की जाती है जिसने किसी व्यक्ति को हिरासत लिया होता है. इसका मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि किसी भी व्यक्ति को अवैध या मनमाने तरीके से हिरासत में न रखा जाए. 

क्या है ये मामला?

प्रीति यादव नाम की महिला ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की. उनका आरोप है कि 8 सितंबर 2025 की रात करीब 9 बजे, सीओ (CO) और थाना प्रभारी अनुराग मिश्रा समेत 4-5 पुलिसकर्मी जबरन उनके घर में घुस आए. पुलिस ने उनके घर से दो लोगों को पकड़ा और उन्हें एक हफ्ते (सात दिन) तक गैर-कानूनी तरीके से हिरासत (कस्टडी) में रखा. महिला का आरोप है कि इस दौरान पुलिस ने उनसे जबरन एक लिखित बयान भी लिया. इस बयान में लिखवाया गया कि वे इस मामले में कोई शिकायत या कोर्ट केस (याचिका) दायर नहीं करेंगी. हाईकोर्ट में जस्टिस जेजे मुनीर और जस्टिस संजीव कुमार इस मामले की सुनवाई कर रहे हैं. सुनवाई के दौरान पुलिस ने प्रीति यादव का वही लिखित बयान कोर्ट में पेश किया, जिसमें उन्होंने शिकायत न करने की बात कही थी. 

वहीं, प्रीति यादव ने शपथ लेकर कोर्ट में अपना असली बयान दर्ज कराया, जिसमें उन्होंने पुलिस पर लगे आरोपों को दोहराया. इस पूरे मामले की गंभीरता को देखते हुए फर्रुखाबाद की एसपी (SP) आरती सिंह को सुनवाई के दौरान कोर्ट में मौजूद रहना पड़ा. उन्हें आज (बुधवार) दोपहर 12 बजे तक कोर्ट के सामने ही उपस्थित रहना होगा. 

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