संभल जामा मस्जिद के पास बन रही पुलिस चौकी की जमीन वक्फ की होने का जिसने किया दावा, अब वो मुश्किल में!

संभल जिले में शाही जामा मस्जिद के पास बन रही सत्यव्रत पुलिस चौकी की जमीन को वक्फ की जमीन बताने के मामले ने तूल पकड़ लिया है. जानें क्या है पूरा मामला.

संभल में जामा मस्जिद के पास बन रही पुलिस चौकी को वक्फ बोर्ड की जमीन बताने वालों पर FIR

अभिनव माथुर

• 01:34 PM • 03 Jan 2025

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Sambhal News: उत्तर प्रदेश के संभल जिले में शाही जामा मस्जिद के पास बन रही सत्यव्रत पुलिस चौकी की जमीन को वक्फ की जमीन बताने के मामले ने तूल पकड़ लिया है. इस मामले में पुलिस ने दस्तावेजों को फर्जी साबित करते हुए अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है.

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क्या है मामला?

संभल में जामा मस्जिद के सामने सत्यव्रत पुलिस चौकी का निर्माण चल रहा है. इस बीच, हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर दावा किया कि यह जमीन वक्फ नंबर 39-A मुरादाबाद के नाम से दर्ज है और इस पर पुलिस चौकी का निर्माण गैर-कानूनी है. ओवैसी ने जमीन के दस्तावेज भी शेयर किए थे, जिसमें इसे वक्फ की संपत्ति बताया गया था.

प्रशासन की प्रतिक्रिया

 

ओवैसी के दावे के बाद संभल के डीएम राजेंद्र पेंसिया और एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर दस्तावेजों को फर्जी करार दिया. डीएम ने स्पष्ट किया कि आजादी के बाद से यह जमीन नगर पालिका की संपत्ति के रूप में दर्ज है और वक्फ बोर्ड के दावे में कोई सच्चाई नहीं है.

 

 

मुकदमा दर्ज

नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी मणिभूषण तिवारी की शिकायत पर संभल कोतवाली में अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 419, 420, 467, 468 और 471 के तहत मामला दर्ज किया गया है. पुलिस का कहना है कि वक्फ की जमीन के फर्जी दस्तावेज तैयार कर प्रशासन को गुमराह करने की कोशिश की गई है.

सपा डेलीगेशन का दखल

 

30 दिसंबर को समाजवादी पार्टी (सपा) के एक डेलीगेशन ने संभल पहुंचकर इस मामले को उठाया था. इस दौरान संभल विधायक ने डेलीगेशन के सामने पुलिस चौकी से संबंधित दस्तावेज और वक्फ के दावे से जुड़े दस्तावेज प्रस्तुत किए थे. पुलिस के अनुसार, इन दस्तावेजों की जांच में भी फर्जीवाड़ा सामने आया है.

 

 

क्या कहा था ओवैसी ने?

ओवैसी ने अपनी पोस्ट में लिखा था कि, "संभल की जामा मस्जिद के पास जो पुलिस चौकी बनाई जा रही है, वह वक्फ की जमीन पर है, जैसा कि रिकॉर्ड में दर्ज है. इसके अलावा, प्राचीन स्मारक अधिनियम के तहत संरक्षित स्मारकों के पास निर्माण कार्य प्रतिबंधित है." उनके इस दावे के बाद सोशल मीडिया पर मामले ने काफी सुर्खियां बटोरीं.

जांच और आगे की कार्रवाई

संभल प्रशासन ने ओवैसी द्वारा साझा किए गए दस्तावेजों को फर्जी साबित करने के बाद मामले की गहन जांच शुरू कर दी है. एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने पुष्टि की है कि फर्जी दस्तावेज तैयार करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. प्रशासन के मुताबिक, जिस जमीन पर पुलिस चौकी का निर्माण हो रहा है, वह नगर पालिका की संपत्ति है और रिकॉर्ड में इस बात की पुष्टि होती है. वक्फ के नाम पर दावे के पीछे किसी साजिश की आशंका जताई जा रही है, जिसकी जांच जारी है.

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