UP News: लखनऊ की रहने वाली महिला डॉक्टर शाहीन शाहिदा को आतंकी संगठन जैश की महिला विंग का इंडियन हेड बताया जा रहा है. जांच एजेंसियों का दावा है कि शाहीन शाहिदा आतंक से जुड़ी हुई थी और फरीदाबाद आतंकी मॉड्यूल में शामिल थी. फिलहाल श्रीनगर में कश्मीर पुलिस उससे पूछताछ कर रही है और दिल्ली ब्लास्ट समेत फरीदाबाद आतंकी मॉड्यूल को खंगाल रही है.
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इस बीच शाहीन शाहिदा की कहानी से हर कोई हैरान है. यूपी लोक सेवा आयोग की परीक्षा पास करके, कानपुर मेडिकल कॉलेज में प्रोफेसर बनी शाहीन शाहिदा आखिर इस कट्टरपंथ आतंक रास्ते पर कैसे चल पड़ी? आखिर पढ़ी लिखी महिला के संबंध आतंकियों से कैसे हो गए? ये सवाल हर किसी को परेशान कर रहे हैं.
अब इसको लेकर नए खुलासे हो रहे हैं. ये भी पता चला है कि शाहीन कब कट्टरपंथी बनी और कब इसने हिजाब पहनना भी शुरू कर दिया.
UAE से पाकिस्तान गई थी डॉक्टर शाहीन शाहिदा!
महिला डॉक्टर शाहीन शाहिदा को लेकर बड़ी जानकारी सामने आई है. जांच में पता चला है कि शाहीन ने 2 सालों तक UAE में नौकरी की है. साल 2013 में शाहीन ने अचानक कानपुर मेडिकल कॉलेज में आना बंद कर दिया था. इस दौरान उसने अपने डॉक्टर पति से तलाक भी ले लिया था. इस दौरान वह UAE चली गई थी.
साल 2016 से 2018 तक शाहीन UAE में रही और नौकरी करती रही. जांच एजेंसियों को शक है कि इस दौरान शाहीन पाकिस्तान भी गई थी. UAE में रहते ही शाहीन की मुलाकात जैश की महिला विंग से हुई. वह आतंकियों और कट्टरपंथियों के संपर्क में आई और उसे जमात ए मोमिनात यानी जैश की महिला विंग के लिए तैयार किया गया.
2009 और 2013 के बीच पहनना शुरू किया था हिजाब
जांच में सामने आया है कि शाहीन साल 2009 से ही कट्टरपंथियों के संपर्क में आ चुकी थी. इसने साल 2009 से लेकर 2013 के बीच हिजाब भी पहनना शुरू कर दिया था. बता दें कि अब शाहीन की ट्रैवल हिस्ट्री को खंगाला जा रहा है. माना जा रहा है कि शाहीन ही अपने भाई परवेज आलम को आतंक के रास्ते पर लेकर आई थी.
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