दिल्ली के लाल किए पास हुए तेज धमाके ने कई परिवारों की खुशियों को छिन लिया. इनमें से एक परिवार यूपी के श्रावस्ती जिले का भी है जिनके ऊपर मानों दुखों का पहाड़ टूट पड़ा हो. श्रावस्ती के रहने वाले 34 साल के दिनेश मिश्रा की मौत भी दिल्ली में हुए ब्लास्ट के दौरान हुई थी. ऐसे में जब दिनेश का शव उनके पैतृक गांव पहुंचा तो हर तरफ सिर्फ सन्नाटा, मातम और सिसकियों की आवाजें सुनाई दे रहीं थीं. इस दौरान दिनेश के परिजनों की रोती बिलखती आवाज ने हर किसी को इमोशनल कर दिया.
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श्रावस्ती के इकौना क्षेत्र निवासी दिनेश 34 साल के थे. दिनेश कुछ सालों से दिल्ली में प्रिंटिंग प्रेस की दुकान में काम करते थे. दिनेश का 10 वर्षीय बड़ा बेटा भी उनके साथ में रहता था. जबकि घर में पत्नी मां-बाप और दो मासूम बेटियां भी हैं. परिवार के पालन पोषण की जिम्मेदारी दिनेश के कंधों पर भी. ऐसे में दिल्ली बम ब्लास्ट में दिनेश की मौत के बाद पूरा परिवार बेसहारा हो गया है.
सोमवार शाम जैसे ही दिल्ली में धमाके की खबर आई दिनेश के पैतृक गांव में परिवार बेचैन हो उठा. क्योंकि धमाका उसी इलाके में हुआ था जहां दिनेश काम करते थे. दिनेश के बड़े भाई राजेश कुमार ने दिल्ली में काम कर रहे छोटे भाई गुड्डू से संपर्क किया. गुड्डू जब मौके पर पहुंचा तो उन्हें दिनेश की मौत का पता चला. बताया गया कि दिनेश कुछ दिन पहले ही दीपावली मनाने के लिए गांव आए थे. उन्होंने 10 दिन बच्चों के साथ समय बिताया और वापस काम पर लौट गए. किसी को नहीं पता था कि यह उनकी आखिरी दिवाली होगी.
मंगलवार देर शाम दिनेश का शव गांव पहुंचते ही उनकी पत्नी बेहोश हो गईं. किसान पिता और मां बिलख उठे. जबकि मासूम बच्चे रोते-रोते चुप नहीं हो रहे थे. गांव में लोगों का भारी जमावड़ा लग गया. इस बीच ग्रामीणों ने शासन-प्रशासन से पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता और परिवार के किसी सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग की है. ताकि बच्चों और दिनेश के माता-पिता को सहारा मिल सके.
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