बागपत में कभी मूंगफली बेचने वाला बन गया सिगरेट वाला बाबा! धुंए की फूंक से कर रहा इलाज और ले रहा इतने पैसे

उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के दोघट क्षेत्र में एक बाबा अपने अनोखे और विवादित इलाज को लेकर चर्चा में है. यह बाबा सिगरेट के कश से बीमारियां दूर करने का दावा करता है. बिना डॉक्टर और दवा के चल रहे इस दरबार को जहां कुछ लोग चमत्कार मान रहे हैं.

मनुदेव उपाध्याय

31 Dec 2025 (अपडेटेड: 31 Dec 2025, 05:52 PM)

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उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के दोघट क्षेत्र में इन दिनों एक ऐसा नजारा देखने को मिल रहा है, जिसे देखकर कोई भी हैरान रह जाए. जहां एक ओर सरकार आधुनिक अस्पतालों, प्रशिक्षित डॉक्टरों और हाई-टेक मशीनों के जरिए लोगों की सेवा कर रही है वहीं दूसरी ओर यहां एक अजीबोगरीब दरबार सज गया है. बता दें कि इस दरबार में एक बाबा इंसानों का इलाज केवल सिगरेट के कश से करता है. इस बाबा का नाम अब चर्चा का केंद्र बन चुका है क्योंकि लोगों का कहना है कि वह बिना किसी दवा, डॉक्टर या मेडिकल उपकरण के ही लोगों की बीमारियां दूर कर देता है. लोग मानते हैं कि उसके एक कश से न केवल शारीरिक रोग ठीक होते हैं बल्कि दुख और परेशानियां भी दूर हो जाती हैं.

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सिगरेट ही बन गई दवा

स्थानीय लोगों और वीडियो क्लिप्स में दिखाए गए इस दरबार में एक बाबा पीले कपड़े पहनकर भजन करता है और सिगरेट के कश के जरिए रोग, दुख और संकट से राहत दिलाने का दावा भी करता है. श्रद्धालु मानते हैं कि बाबा के होंठों से निकलते धुएं का गुबार उनके रोग और परेशानियों को दूर कर देता है. यहां आए लोग सिर झुकाकर धुएं को प्रसाद मानते हैं और आस्था के नाम पर जेब ढीली कर देते हैं.

बिना डॉक्टर और दवा के होता है इलाज 

दरअसल, यहां कोई चिकित्सकीय प्रमाण नहीं है और न ही कोई दवा दी जाती है. इलाज की प्रक्रिया पूरी तरह अंधविश्वास पर आधारित है. कभी मूंगफली बेचने वाला शख्स आज चमत्कारी बाबा बन बैठा है, जिसे लोग सिगरेट वाला बाबा कह रहे हैं. इसका असर यह हुआ है कि सैकड़ों लोग अपने दुख-दर्द और परेशानियों को दूर करने के लिए बाबा के दरबार में जुट गए हैं.

आस्था की कीमत

बता दें कि दरबार में दर्शन की अलग-अलग दरें भी तय हैं. सामान्य दर्शन 100 रुपए  में और तुरंत राहत का दावा 500 रुपए में उपलब्ध है. यानी अब श्रद्धा और आस्था भी पैसों के साथ बिक रही है. लोग मानते हैं कि बाबा का धुआं उनके दुख हर लेता है. हालांकि सवाल यह है कि क्या यह सच में किसी बीमारी से मुक्ति दिला रहा है या केवल मानसिक सुकून का जरिया बन गया है.

श्रद्धालु बताते हैं कि वे यहां दूर-दूर से भूत-प्रेत या किसी भी बीमारी के इलाज के लिए आते हैं. उनका मानना है कि बाबा के कश और भजन से उनकी परेशानियों का समाधान हो जाता है. कई लोग इसे ईश्वरीय कृपा मानते हैं जबकि विशेषज्ञ इसे आस्था के नाम पर अंधविश्वास और छलकपट के रूप में देखते हैं.

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