हापुड़ जिले की धौलाना तहसील में एक किसान की मौत के बाद हड़कंप मच गया. विरासत में मिली जमीन का नामांतरण कराने के लिए करीब ढाई साल से तहसील के चक्कर लगा रहे किसान की शनिवार सुबह हृदय गति रुकने से मौत हो गई. परिजनों और ग्रामीणों ने SDM कार्यालय के बाहर मृतक का शव रखकर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया और जिम्मेदार कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है.
ADVERTISEMENT
विरासत नामांतरण के लिए ढाई साल से परेशान था किसान
मृतक किसान के भाई सुभाष ने बताया कि ढाई साल पहले उनकी मां बीमो देवी का देहांत हो गया था. इसके बाद चारों भाइयों ने विरासत के आधार पर जमीन अपने नाम कराने के लिए धौलाना तहसील में आवेदन किया था. परिजनों का आरोप है कि तहसील के कानूनगो रामकिशोर और उनके सहायक पवन ने नामांतरण कराने के लिए उनसे लगभग दो लाख रुपये रिश्वत ली लेकिन इसके बावजूद अभी तक जमीन उनके नाम दर्ज नहीं की गई. लंबी देरी, बार-बार तहसील के चक्कर और मानसिक तनाव से मृतक की हालत बिगड़ती चली गई, जिसके बाद शनिवार सुबह उसकी मौत हो गई.
SDM कार्यालय के बाहर शव रखकर विरोध
घटना से आक्रोशित ग्रामीण और परिजन मृतक किसान का शव लेकर SDM कार्यालय पहुंचे और सड़क पर रखकर प्रदर्शन शुरू कर दिया. उनका कहना था कि रिश्वत लेने के बावजूद अधिकारियों ने नामांतरण नहीं किया और उनकी लापरवाही ने किसान की जान ले ली. प्रदर्शन की सूचना पर प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे और परिजनों को शांत कराने की कोशिश की.
SDM ने करा ये काम
SDM मनोज कुमार ने पीड़ित परिवार से बात की और तत्काल मृतक किसान की खतौनी उनके परिजनों को उपलब्ध करवाई. इसके बाद ग्रामीण शांत हुए, लेकिन उन्होंने चेतावनी दी कि अगर कानूनगो रामकिशोर और पवन के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई तो वे बड़ा आंदोलन करेंगे.
ADM ने दिया ये बयान
ADM संदीप कुमार ने बताया कि मृतक के विरासत संबंधी विवरण दर्ज कर दिए गए थे लेकिन खतौनी लॉक होने के कारण जमीन पर नाम चढ़ नहीं पाया था. उन्होंने यह भी कहा कि परिजनों द्वारा लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच संबंधित SDM को सौंपी गई हैऔर जांच रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.
यह भी पढ़ें: महिलाओं के लिए आंगनवाड़ी में निकली 6100 से ज्यादा पदों पर बंपर भर्ती, 10वीं-12वीं पास लोग करें अप्लाई
ADVERTISEMENT









