कहीं आप भी तो ऑनलाइन शॉपिंग के नाम पर ठगी का शिकार नहीं हो रहे हैं. बांदा में पुलिस ने अनिल और चंद्रकिशोर नाम के दो ऐसे शातिर बदमाशों को गिरफ्तार किया है जो ऑनलाइन प्रोडक्ट का प्राइज डाउन करके कस्टर को लालच देते थे. फिर फर्जी बिल और RTO की झूठी कहानियों में फंसाकर उनसे लाखों रुपये लूट लेते थे. इस फर्जीवाड़े में ये आरोपी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी AI की मदद लेते थे. ये ठग अपनी वेबसाइट पर अंडे, ड्राई फूट्स से लेकर आईफोन बेचने का भी दावा करते थे. ऐसे में जब कोई कस्टमर कम कीमत देखकर इनकी जाल में फंस जाता था तो ये गूगूल से फोटो डाउनलोड करके व्हाट्सएप पर भेजते थे.
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प्रोडक्ट का प्राइज डाउन कर करते थे प्रचार
सीएम योगी आदित्यनाथ के आदेश पर जीरो टॉलरेंस नीति अभियान के तहत पुलिस एक्शन मोड़ में है. इस बीच पुलिस को सूचना मिली कि कुछ लोग फर्जी GST के कागजात बनाकर ऑनलाइन सामान बेचने का झांसा देकर ठगी का शिकार बना रहे हैं. पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू की तो अनिल कुमार और चंद्रकिशोर नाम के दो आरोपियों को इस मामले में गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तार किए गए आरोपी अनिल कुमार और चंद्रकिशोर ठगी के लिए बेहद आधुनिक तरीका अपनाते थे. पुलिस पूछताछ में खुलासा हुआ कि ये लोग ऑनलाइन शॉपिंग साइट्स पर महंगे सामानों का रेट बहुत कम करके विज्ञापन चलाते थे. जब कोई ग्राहक फंसता तो ये उसे गूगल से डाउनलोड की गई असली जैसी दिखने वाली तस्वीरें व्हाट्सएप पर भेजते थे. ग्राहकों का भरोसा जीतने के लिए ये AI सिस्टम का इस्तेमाल कर तुरंत फर्जी बिल जनरेट करते थे जिससे पीड़ित को लगता था कि सौदा असली है.
60000 का आईफोन 6000 में बेचने का करते थे दावा
ठगी का आलम यह था कि आरोपियों ने कई ग्राहकों को 60 000 रुपये वाला आईफोन महज 6000 रुपये में देने का झांसा दिया. इसके अलावा ये अपनी वेबसाइट पर ड्राई फ्रूट और अंडे जैसी रोजमर्रा की चीजों को भारी छूट पर बेचने का लालच देकर लोगों से पैसे ऐंठते थे. इनका सबसे शातिर पैंतरा पेमेंट के बाद शुरू होता था. पैसे मिलने के बाद ये ग्राहक को बताते थे कि उनका सामान ट्रक से भेज दिया गया है. फिर कुछ देर बाद फर्जी कॉल कर बताते कि RTO ने ट्रक पकड़ लिया है और उसे छुड़ाने के नाम पर दोबारा पैसे वसूलते थे. एक बार मोटी रकम हाथ लगते ही ये अपना व्हाट्सएप और सिम कार्ड बंद कर गायब हो जाते थे.
पुलिस ने आरोपियों के पास से भारी मात्रा में आपत्तिजनक सामान बरामद किया है जिसमें कई लैपटॉप और कंप्यूटर सेट, बड़ी संख्या में फर्जी आधार कार्ड, पैन कार्ड और फर्जी सिम कार्ड, अवैध रूप से बनाए गए QR कोड और फर्जी GST दस्तावेज शामिल हैं.
ASP मेविस टॉक ने बताया कि इन आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी और आईटी एक्ट की विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया गया है. पुलिस अब इनके नेटवर्क के अन्य सदस्यों की तलाश कर रही है. पुलिस ने आम जनता से अपील की है कि किसी भी ऑनलाइन विज्ञापन में अत्यधिक छूट देखकर लालच में न आएं और किसी भी अनजान व्यक्ति को भुगतान करने से पहले पूरी जांच पड़ताल जरूर करें.
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